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वहीं, चीन ने हमेशा की तरह एक बार फिर भारतीय सेना पर नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। चीन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय सेना ने चीनी सीमा की पेट्रोलिंग टीम के सैनिकों को धमकी देने के लिए फायरिंग की, जिसने चीनी सीमा रक्षकों को जमीन पर अपनी स्थिति स्थिर रखने के लिए जवाबी कार्रवाई करने पर मजबूर किया। चीन ने आगे जोड़ते हुए कहा कि भारत की ओर से हुई कार्रवाई ने चीन और भारत के बीच प्रासंगिक समझौतों का गंभीरता से उल्लंघन किया है। भारत के इस कदम ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाया है और गलतफहमी पैदा कर दी है। बयान में यह भी कहा गया कि यह गंभीर सैन्य उकसाव और गलत बर्ताव है।
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चीनी पीपुल्स लिबरेशन के वेस्टर्न थिएटर कमांड के कर्नल झांग शुइली ने भारत से भविष्य में ऐसे कदम न उठाने की अपील की। शुइली ने एक बयान में कहा कि हम भारत से अनुरोध करते हैं कि वो ऐसे खतरनाक काम को तत्काल प्रभाव से रोकें, क्रॉस-लाइन कर्मियों को हटाएं, अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को कड़ाई से शांत रहने के लिए कहें। चीन ने भारत से एलएसी पर धक्का—मुक्की और फायरिंग में शामिल भारतीय जवानों को सजा देने की भी मांग की। शुइली ने कहा कि जिन लोगों ने फायरिंग की उन्हें दंडित करें, ताकि सुनिश्चित हो कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।
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वहीं, भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि चीन ने अपनी पेट्रोलिंग टीम को डराने के लिए हवा में गोलीबारी करने का सहारा लिया। हालांकि भारत की ओर से अभी चीन के आरोप को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। भारतीय सेना का आधिकारिक बयान आना बाकी है। आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग चार महीने से गतिरोध जारी है। कई स्तरों के संवाद के बावजूद अभी तक कोई हल नहीं निकला है। 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। हालांकि लगभग इतना ही नुकसान चीनी सैनिकों का भी हुआ था, लेकिन उनकी ओर से इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी।