यह दावा किया गया था कि एक भारतीय गश्ती दल, जिसमें सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल ( ITBP) के जवान थे, उन्हें लद्दाख में झड़पों के बाद पिछले हफ्ते चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) ने हिरासत में ले लिया है।
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खबरों में दावा किया गया था कि भारतीय टीम को हिरासत में लिया गया और चीनियों ने उनके हथियारों को भी छीन लिया।
दावा किया गया कि स्थानीय स्तर पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद ही उन्हें छोड़ा गया। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि हिरासत में रखने की रिपोर्ट गलत है।
भारतीय सेना के प्रवक्ता अमन आनंद ने इसकी पुष्टि की कि यह रिपोर्ट गलत है।
अमन आनंद ने कहा कि हम स्पष्ट रूप से इससे इनकार करते हैं, जब मीडिया में ऐसी खबरें आती हैं तो इससे केवल राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचती है।
चीनी बलों पर आरोप लगाया गया था कि वे भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे थे और पैंगोंग झील में मोटर नौकाओं के साथ आक्रामक गश्त भी कर रहे थे।
वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर तनाव के कारण दोनों सेनाओं ने अग्रिम स्थानों पर अपनी सेनाओं और उपकरणों की तैनाती बढ़ा दी है।
दोनों अग्रिम स्थानों पर हाई अलर्ट है, जहां तनाव और झड़पें हुईं हैं।
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि वह भारतीय क्षेत्र में किसी भी प्रकार के चीनी घुसपैठ की अनुमति नहीं देगी और उन क्षेत्रों में गश्त करेगी, जहां झड़पें हुई हैं।
भारतीय सेना प्रमुख, जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने शुक्रवार को लद्दाख में 14 कोर के मुख्यालय, लेह का दौरा किया और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बलों की तैनाती की समीक्षा की।