इस लड़ाई को लेकर स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि मुख्यमंत्री को खुद उप राज्यपाल किरण बेदी के घर के बाहर धरने पर बैठना पड़ा था। इसके बाद ये मामला अधिकार को लेकर हाई कोर्ट पहुंचा था जहां से मुख्यमंत्री नारायण सामी के लिए राहत की खबर सामने आई और किरण बेदी को कोर्ट ने राज्य के मामले में हस्तक्षेप के लिए मना किया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री नारायण सामी ने राज्यपाल किरण बेदी पर आरोप लगाया था कि वह फाइलों को आगे नहीं बढ़ा रही हैं। दरअसल इसी औ तरह का विवाद इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच शुरू हुआ था। बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट ने यह फैसला कांग्रेस विधघायक लक्ष्मीनारायण की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। लक्ष्मीनारायण ने 2017 में कोर्ट में यह याचिका दायर की थी, जिसमे उन्होंने दैनिक गतिविधियों में एलजी के हस्तक्षेप को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। इससे पहले मुख्यमंत्री नारायण सामी ने आरोप लगाया था कि किरण बेदी केंद्र सरकार के इशारे पर राज्य की सरकार को अपना काम नहीं करने दे रही हैं।
नारायण सामी ने किरण बेदी पर नियमों में उल्लंघन का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि किरन बेदी को सरकार के काम में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, उन्हें सिर्फ पेपर पर दस्तखत करने हैं और उसे वापस मंत्रिपरिषद को भेज देना है। उन्हे कैबिनेट के फैसलों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है, वह निर्णय में हस्तक्षेप करके नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।