इस रहस्य का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने एक एक्सपर्ट टीम केरल भेजी थी। इस टीम ने लौटकर जो रिपोर्ट दी है वह भी चौंकाने वाली है। टीम की ओर से दी गई रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों की निगरानी में लापरवाही इस विस्फोट की बड़ी वजह है।
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केंद्र सरकार ने गत 29 जुलाई छह सदस्यीय एक टीम केरल भेजी थी, जिससे वहां की मौजूदा स्थिति का पता लगाया जा सके। इस टीम का नेतृत्व करने वाले नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉक्टर सुजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने सबसे अधिक पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों का दौरा किया और जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।
बहरहाल, शुरुआती जांच में टीम ने पाया कि राज्य में जिन कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, उनकी पर्याप्त निगरानी नहीं की जा रही है। इस वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है। टीम ने यह भी बताया कि कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में हैं और वे आसपास घूम रहे हैं। यही वजह है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है। केंद्रीय टीम ने यह भी माना कि राज्य को अब ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके तहत जिन लोगों में कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षण हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती करना चाहिए, क्योंकि राज्य में ज्यादातर कोविड-19 बेड खाली है।
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इस टीम ने केरल में कोरोना से हुई मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा बीते तीन हफ्तों से यहां केस बढ़ रहे हैं और इसी के साथ मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। केरल में अभी तक कोरोना मृत्यु दर कम थी, लेकिन इन दिनों औसतन रोज राज्य में करीब 55 मरीजों की मौत हो रही है।