इस दौरान एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह द्रास में कारगिल वार मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
द्रास में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि मैं अपने देशवासियों को बताना चाहता हूं कि आप निश्चिंत रहें कि सेना को दिया गया कोई भी काम हमेशा पूरा किया जाएगा चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। हमारे सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा करते रहेंगे।सेना प्रमुख ने कहा कि हम अपनी इन्वेंट्री को आधुनिक बनाने पर विचार कर रहे हैं। हमारा ध्यान आर्टिलरी हथियार प्रणाली पर है, 2020 तक हम होवित्जर प्राप्त करेंगे, के -9 वज्र का निर्माण अब देश में किया जा रहा है और दो बोफोर्स जैसे बंदूकें स्थानीय स्तर पर निर्मित की जा रही हैं।
सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को संदेश देते हुए कहा कि ऐसी गलती दोबार मत करना। नहीं तो परिणाम गंभीर होंगे।
राष्ट्रपति कारगिल के द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि देने जाने वाले थे। सूत्रों के अनुसार कश्मीर में खराब मौसम के चलते उनका कार्यक्रम फिलहाल टाल दिया है। अब राष्ट्रपति श्रीनगर के बादामीबाग में कार्यक्रम में शामिल होंगे। राष्ट्रपति यहां युद्ध स्मारक में शहीदों को नमन करेंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू-कश्मीर के दौरे से पहले ट्वीट कर शहीदों को याद किया। आपको बता दें कि इससे पहले 20 जुलाई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने द्रास में शहीद सैनिकों को सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने ट्वीट में कहा कि आज का दिन हमारे राष्ट्र के लिए गौरव का दिन है। उन्होंने लिखा कि 1999 में कारगिल ( Kargil Vijay Diwas ) की चोटियों पर अपने सैनिकों की वीरता को याद करने का दिन है। राष्ट्रपति ने इस मौके पर भारत की रक्षा करने वाले वीरों के धैर्य और शौर्य को नमन करने की बात कही।
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आपको बता दें कि कारिगल विजय दिवस ( Kargil Vijay Diwas ) भारत के लिए गौरव का दिन है। इस दिन भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कश्मीर में घुस घुसपैठियों को कारगिल से बाहर खदेड़ दिया था। यही नहीं कारगिल युद्ध से सबक लेते हुए हिंदुस्तान ने अपनी कमियों को दूर करते हुए सीमा और देश के अंदर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है।
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इंडियन एयर फोर्स के चीफ बीएस धनोआ के अनुसार कारगिल युद्ध ( Kargil Vijay Diwas ) में हवाई हमलों की वजह से ही दुश्मन मैदान छोड़ भाग खड़ा हुआ था। धनोआ ने कहा कि कारगिल युद्ध के बाद पिछले 20 साल में सेना और सैन्य इंतजामों को दूर कर लिया गया है।
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कारगिल युद्ध स्मारक पर राजनाथ सिंह ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 20 जुलाई को कारगिल विजय ( Kargil Vijay Diwas ) की 20वीं वर्षगांठ पर जम्मू एवं कश्मीर के द्रास शहर में कारगिल युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी थी। रक्षामंत्री एक विशेष विमान में केंद्रीय राज्यमंत्री (प्रधानमंत्री कार्यालय) जितेंद्र सिंह के साथ सुबह श्रीनगर पहुंचे थी। उनके स्वागत के लिए श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर राज्य के राज्यपाल के सलाहकार के. विजय कुमार मौजूद रहे थे।