दरअसल, कपिल गुर्जर दिल्ली के दल्लूपुरा इलाके का रहने वाला है। कपिल गुर्जर ने एक फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की चेतावनी देने के बाद हवा में 3 राउंड में गोलियां चलाई थीं।
26 मार्च को होगा राज्यसभा की 55 सीटों पर चुनाव, जानिए किसमें हैं कितना दम? अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुलशन कुमार ( Justice Gulshan Kumar ) ने उसे 25 हजार रुपए के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर छोड़ दिया। कार्यवाही के दौरान पुलिस ने जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया और दलील दी कि कपिल के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और मामले की जांच प्रारंभिक चरण में है। कपिल जमानत मिलने के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है या गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
बारिश की वजह से नहीं बढ़ेगा कोरोना वायरस का खतरा! अदालत में कपिल गुर्जर का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल सबूत के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और मामले में गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। अधिवक्ता नरवीर डबास ( Advocate Narveer Dabas ) ने अपने मुवक्किल के लिए जमानत की मांग करते हुए यह दलील दी कि वह अतीत में कभी भी इस तरह से किसी अन्य मामले में शामिल नहीं हुआ है।