जानकारी के मुताबिक, अनुशासनात्मक समिति ने विक्रम रंधावा को अपना दावा साबित करने के लिए किसी भी सबूत के साथ दो दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है। बता दें कि स्टोन (पत्थर) क्रेशर ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम रंधावा ने खनन नीति के मुद्दे पर जम्मू में जितेंद्र सिंह के कार्यालय के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह बड़ा ऐलान- जम्मू और कश्मीर में जल्द लागू होगा डोमिसाइल कानून
पार्टी ने रंधावा के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उन्हें 24 घंटे के अंदर सबूत पेश करने को कहा है। समिति ने कहा कि यदि रंधावा अपने पक्ष में कोई सबूत पेश नहीं कर पाएंगे तो उन्हें सार्वजनिक रूप से जितेंद्र सिंह से माफी मांगनी पड़ेगी। साथ ही उन्हें 1 करोड़ रुपये मानहानि के तौर पर भरना होगा। जानकारी के अनुसार, ये नोटिस जम्मू-कश्मीर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रविंद्र रैना के निर्देशों पर रंधावा को दिया गया है।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, अनुशासन समिति के अध्यक्ष सुनील सेठी, वीरेंद्रजीत सिंह और एनडी राजवाल के हस्ताक्षर वाले पत्र ने रंधावा की भाषा को अस्वाभाविक भाषा बताते हुए इसे अत्यधिक आपत्तिजनक करार दिया। साथ ही रंधावा पर पार्टी की छवि को खराब करने का आरोप भी लगा है।
केंद्रीय मंंत्री जितेंद्र सिंह: आर्टिकल 370 को हटाने के बाद हमारा लक्ष्य पीओके को भारत में मिलाना
रंधावा ने आरोप लगाया है कि 2017 के बाद से स्टोन क्रशर सबसे खराब समय का सामना कर रहे हैं और उनके बच्चे खनन विभाग की वजह से भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जितेंद्र सिंह के जम्मू कार्यालय और खनन विभाग की मिलीभगत है।
इस बीच, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पार्टी के सहयोगी के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री योगी साहनी ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है क्योंकि पीएमओ और नौकरशाही में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। हम उपराज्यपाल से अपील करते हैं कि वे सच्चाई का खुलासा करने के लिए उच्च स्तरीय जांच का आदेश दें।”