देश के सिर्फ इस राज्य में 5 रुपए सस्ती हुईं पेट्रोल और डीजल की कीमतें, जानिए क्या है पीछे की वजह भारत ने पिछले साल जून में अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों को खोलने का एलान किया था। इसके बाद इसरो का ये कदम ऐतिहासिक माना जा रहा है। ऐसा पहली बार होगा जब निजी कंपनियों या कॉलेज के लोग यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) में अपने सैटेलाइट का परीक्षण कर पाएंगे।
आगे बढ़ेंगी सैटेलाइट की संख्या
इसरो (ISRO) ने फिलहाल सिर्फ 2 सैटेलाइट के लिए इजाजत दी है, लेकिन आगे चलकर इसकी संख्या बढ़ा दी जाएगी। वहीं इसरो के चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कहा – हम चाहते हैं कि हमारी सुविधाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा कंपनियां उठाएं और इसके लिए हम सार्थक कदम उठाने का फैसला किया है।
तकनीकी रूप से बेहतर बनने की कोशिश
इसरो के चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कहा कि हम निजी कंपनियों के साथ भी काम करने के लिए तैयार हैं। तकनीक के माध्यम से हम खुद को और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसरो इस महीने के अंत में निर्धारित पीएसएलवी मिशन के तहत वाणिज्यिक सैटेलाइट्स को लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह पहला मिशन होगा जिसमें भारतीय उद्योग की सैटेलाइट्स को व्यावसायिक रूप से इसरो द्वारा लॉन्च किया जाएगा।
कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा से विदाई के बाद कही बड़ी बात, बताया कब बीेजेपी में होंगे शामिल पीएसएलवी सी-51 मिशन एक ब्राजीलियाई उपग्रह अमोनिया-1 को न्यूस्पेस इंडिया (इसरो की वाणिज्यिक शाखा) की वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत लेकर जाएगा।
आपको बता दें कि इसरो ने दो सैटेलाइट को मंजूरी दी है। इसमें एक निजी कंपनी की है और दूसरी सैटेलाइट छात्रों की डेवलप की हुई है।