हिंदू संगठनों की याचिका स्वीकार, राहुल की नागरिकता पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह करेगा सुनवाई जज जेके पांड्या ने किया अर्जी मंजूर सीबीआई की विशेष अदालत के जज जेके पांड्या ने कहा कि चूंकि सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है ऐसे में उनकी आरोपमुक्त करने की अर्जी को मंजूर किया जाता है। उनके खिलाफ जारी मुकदमों से उन्हें बरी किया जाता है। बता दें कि सीआरपीसी की धारा 197 के तहत सरकारी ड्यूटी के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए काम के सिलसिले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से पूर्व मंजूरी अनिवार्य होता है।
मसूद अजहर पर UNSC के प्रतिबंध को जेटली ने बताया भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत सीबीआई ने माना फर्जी मुठभेड़ दरअसल, मुंब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर की 15 जून, 2004 में अहमदाबाद के बाहर पुलिस के साथ कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि वे लोग आतंकवादी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे। बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में निष्कर्ष निकाला था कि यह फर्जी मुठभेड़ थी।