इंटरपोल ने भारत समेत सभी 194 सदस्य देशों को ऑरेंज नोटिस जारी किया है। फ्रांस के लियोन स्थित अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग निकाय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट करते हुए कहा कि वह कोविड-19 और फ्लू की वैक्सीन को लेकर आपराधिक गतिविधियों से निपटने को लेकर पूरी तरह तैयार रहें।
इंटरपोल ने ऑरेंज नोटिस तब जारी करता है जब जनता की सुरक्षा को किसी घटना, व्यक्ति, वस्तु या प्रक्रिया से गंभीर खतरा हो सकता है। सीबीआई ने साधा संपर्क
इंटरपोल के अलर्ट के बाद देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने भी संपर्क साधा है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो वैक्सीन से जुड़ी हर अपराधिक घटना पर नजर बनाए हुए है।
अपराधी संगठन वैक्सीन की ताक में बैठे हैं और जैसे ही ये आम जनता को लगने की घोषणा होने लगेगी, वे काम शुरू कर देंगे। इसमें नकली वैक्सीन बेचने से लेकर वैक्सीन स्टॉक की चोरी और असल के साथ नकल की मिलावट और अवैध विज्ञापन और उनकी बिक्री शामिल है।
इंटरपोल की चेतावनी ऐसे वक्त में आई है जब भारत जल्दी ही कोरोना संक्रमण से बचाने वाली वैक्सीन तैयार होने की घोषणा कर सकता है। वहीं ब्रिटेन तो कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला पश्चिमी देश बन चुका है।
पुलिस संगठनों को वैक्सीन की सप्लाई चेन को सुरक्षित रखने को कहा गया है। साथ ही अवैध वेबसाइटों की पहचान कर फर्जी उत्पादों की बिक्री पर नजर बनाए रखने पर कहा गया है।
इंटरपोल की साइबर क्राइम यूनिट ने 3 हजार ऐसी वेबसाइटों का विश्लेषण किया है जो ऑनलाइन फार्मा कंपनियों से जुड़ी हुई हैं और अवैध दवाइयों और चिकित्सकीय उपकरणों की बिक्री में शामिल हैं।