इसके बावजूद दुनिया में दाहिने हाथों से काम करने वाले बहुसंख्य होने के कारण रोजमर्रा की जिंदगी की चीजें दाहिने हाथ से काम लेने वालों के मुताबिक बनाई जाती हैं। बावजूद इसके बाएं हाथों से काम करने वाले अपनी सहूलियतें तलाश ही लेते हैं।
लैफ्ट हैंडर डे आज: कभी टोकता था परिवार, अब यही बनी पहचान दुनिया में सिर्फ 7 फीसदी लोग हैं लेफ्टी सच ये है कि बाएं हाथ से काम करना कोई अवगुण नहीं है। यह सामान्य बात है जिसे सभी को सहज तरीके से लेना चाहिए। यही कारण है कि 13 अगस्त को विश्व लेफ्ट हैंडर्स डे ( international handers day ) के रूप में चिह्नित किया गया है। तथ्य बताते हैं कि विश्व की जनसंख्या के केवल 7 फीसदी लोग ही लेफ्टी हैं। फिर बाएं हाथ से काम करना कई मायनों में लेफ्टी लोगों को खास बनाते हैं तो कई बार उन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। सारी दुनिया की तरह शहर में भी कई लेफ्ट हैंडर्स ( left handers ) हैं जो आज एक-दूसरे को लेफ्ट हैंडर्स डे की बधाइयां दे रहें हैं।
ये हैं दुनिया के नामचीन लेफ्टी दुनिया में ऐसे तमाम हस्तियां जो काम करने के मामले तो लेफ्टी हैं लेकिन ख्याति के मामले में सभी के लिए खास हैं। इनमें नेपोलियन बोर्नापार्ट, एलेक्जेंडर द ग्रेट, लियोनार्दो द विंची, पाबलो पिकासो, आईसेक न्यूटन, अलबर्ट आइंस्टीन, बिल क्लिंटन, जॉर्ज बुश, बराक ओबामा, चार्ली चैपलिन, अमिताभ बच्चन, टॉम क्रूज, जूलिया रॉबर्ट, क्वीन विक्टोरिया, सौरव गांगुली के साथ साहित्य, कला, राजनीति, खेल और विज्ञान जगत के लोग भी बड़ी संख्या में लेफ्टी हैं।
लेफ्टी लोगों की खूबियां लेफ्टीज अपनी कल्पनाशक्ति का उपयोग संगीत और कला के क्षेत्र में अधिक करते हैं। ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। किसी बात की तह तक जाने में विश्वास करते हैं और रचनात्मक विचारों वाले होते हैं। इनकी उपलब्धियां महान होती हैं। स्पोर्ट्स में इनकी दक्षता होती है। लेफ्टीस अच्छे फाइटर्स होते हैं। पढ़ाई में तेज होते हैं। कार्य करने के लिए सीधे हाथ का इस्तेमाल अच्छे से कर पाते हैं। लेफ्टीज की राइटिंग बहुत अच्छी होती है।
लोगों में प्रचलित भ्रांतियां लेफ्टी बच्चों को अल्फाबेट्स सीखने में परेशानी होती है। लेफ्टी होना अशुभ होता है। लेफ्टीज की आयु कम होती है। 1976 से जारी लेफ्ट हैंडर्स डे मनाने का सिलसिला
लेफ्ट हैण्डर्स को उनकी विशेषता के लिए जागरूक करने और एकता लाने के लिए लेफ्ट हैंडर्स डे की शुरुआत 1976 में हुई थी। लेफ्ट हैंडर्स क्लब ने इसकी शुरुआत की थी। इसके बाद और भी कई क्लब और एसोसिएशन का गठन हुआ जो लगातार लेफ्टीज के लिए काम कर रहे हैं।