किसान आंदोलन के बीच आईबी ने सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी है उसके मुताबिक अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और प्रो-लेफ्ट विंग के चरमपंथी तत्वों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस बात के विश्वसनीय खुफिया इनपुट हैं कि ये तत्व किसानों को हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने की योजना बना रहे हैं।
रिपोर्ट में ये बात भी कही गई है कि इस आंदोलन के बहाने कोरेगांव यलगार परिषद केस से जुड़े लोगों को रिहा करने की मांग की जा रही है। आंदोलन स्थलों पर इस मामले में जेल में बंद लोगों के समर्थन में आवाज उठाई जा रही है।
जेल में बंद माओवादी नेता वरवर राव, गौतम नवलखा जैसी कई हस्तियों को रिहा करने की मांग उठी है। यही नहीं सीएए आंदोलन के दौरान देशविरोधी बयान देने वाले शरजील इमाम के पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी संगठन भी इस आंदोलन में अपना हित साधने में जुटे हैं। किसानों के प्रदर्शन के बीच वे पंजाब में कानून व्यवस्था की समस्या को बिगाड़ने की मुहिम पर काम कर रहे हैं।
रिपोर्ट में बड़ा खुलासा करते हुए यह भी कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा लखबीर सिंह रोड़े पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर भारत विरोधी साजिश रच रहा है।
खुफिया रिपोर्ट को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा – हमें तो यहां पर ऐसे लोग नजर नहीं आ रहे हैं। फिर भी खुफिया एजेंसियों की निगाहें इस आंदोलन पर हैं तो वो उन्हें पकड़े वो कर क्या रही हैं।
इस मामले पर केंद्रीय कानून मंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि टुकड़े-टुकड़े गैंग किसान आंदोलन को ओवरटेक करने में लगा है। यह एक भयावह तरीका है।