नई दिल्ली। उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित लोहघाट भारत में सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है अबोट माउंट। यह कुख्यात जगह का नाम ऐबी है और अबोट नामक पहाड़ी पर स्थित है। यहां एक बंगला बना हुआ है जिसके बारे में यहां के लोगों ने नियमित रूप से रहस्यमय गतिविधियों होने की बात कही है। ये कहानी है एक वीरान बंगले की और उस बंगले में रहने वाले एक ऐसे इंसान की, जो सदियों पहले यहां रहता था और लोगों की माने तो शायद आज भी है। यही वजह है कि अबोट माउंट को उत्तराखंड के इस खूबसूरत गांव का काला टीका माना जाता है। अबोट माउंट में बुरी आत्माओं की दहशत से अंधेरे के बाद किसी को भी इस जगह के पास जाने की हिम्मत नहीं होती।
तस्वीरों को देखने पर आपको यह ब्रिटिश पीरियड के किसी सामान्य निर्माण की तरह ही दिखेगा। सफेद रंग में रंगा यह बंगला, पेड़ों से घिरा कितना शांति से भरा लगता था। इसे बनाने के बाद इसके मालिक और उनका परिवार यहां काफी समय तक रहा और बाद में उन्होंने इस जगह को एक अस्पताल बनाने के लिए दान दे दिया और बस यहीं से इस भयानक कहानी में मोड़ आया।
ये अस्पताल पूरा दान पर निर्भर था इसी लिहाज से यह हमेशा रोगियों से भरा रहता था। इस अस्पताल में अच्छी चिकित्सा सुविधाएं, स्वच्छ वातावरण इसकी लोकप्रियता के अन्य कारणों में से एक थे लेकिन कुछ साल बाद एक मौरिस नाम का डॉक्टर इस अस्पताल में शामिल हुआ, जिसने इस स्थान की प्रतिष्ठा को बदल दिया। उसका दावा था कि उसके पास भविष्य देखने की ताकत है, लेकिन उन्होंने लेकिन मौत के बजाय लोगों के जीवन में किसी भी अच्छी घटना की भविष्यवाणी कभी नहीं की!
गौरतलब है कि, उस डॉक्टर के रहते जब भी किसी नए रोगी को अस्पताल में भर्ती कराया जाता था, तो ये डॉक्टर उस रोगी का इलाज करने के बजाए उसके जीवित रहने या मरने की भविष्यवाणी करता था। यहां के लोगों की मानें तो वास्तव में वह मरीज की मौत की सटीक तारीख की भविष्यवाणी कर सकने में सक्षम था। इसी तरह मरने की भविष्यवाणी के बाद मरीज को एक विशेष वार्ड को भेज दिया जाता था जिसे मुक्ति कोठरी कहा जाता था। हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि, “डॉक्टर के पास कोई शक्ति नहीं थी असल में वह पागल था वह मरीजों को लेकर की गई भविष्यवाणियों को सही साबित करने के लिए उन्हें मार देता था और आज वही निर्दोष लोग आत्मा बन यहां भटकते रहते हैं।”