कोरोना काल में सबसे पहले भारतीय रेलवे ने 23 जून के एक रिकॉर्ड बनाया। पहली बार रेलवे ने सबसे ज्यादा पंक्चुअलिटी हासिल की। इस दौरान भारतीय रेलवे ने 99.54 फीसदी वक्त की पाबंदी रही। खास बात यह है कि इस सिर्फ एक ट्रेन लेट हुई।
रेलवे के इतिहास में पहली बार सभी ट्रेनें एकदम सही वक्त पर पहुंची। रिकॉर्ड 1 जुलाई 2020 को बना, जब ट्रेनों की पंक्चुअलिटी 100% रही। रेल मंत्रालय ने बताया यह रिकॉर्ड तब बना है जब 12 हजार ट्रेनों में से 2% से भी कम पैसेंजर ट्रेनें चलाई जा रही थीं।
रेलवे ने ‘शेषनाग’ चलाकर 2.8 Km लंबी ट्रेन चलाने का कीर्तिमान रचा है. जिसमें 4 खाली BOXN रेक हैं, जो इलेक्ट्रिक इंजनों के 4 सेटों द्वारा संचालित है ‘शेषनाग’ भारतीय रेलवे पर चलने वाली अब तक की सबसे लंबी ट्रेन रही। इससे पहले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन ने ‘सुपर एनाकोंडा’ संचालित किया था. इसने मालगाड़ी की तीन रेक को एक साथ जोड़ा था।
भारतीय रेलवे ने अगस्त 2020 में कुल 94.33 मिलियन टन की लोडिंग की. रेलवे ने सबसे अधिक 40.49 मिलियन टन कोयले की लोडिंग की.12.46 मिलियन टन लौह अयस्क,6.24 मिलियन टन खाद्यान्न,5.32 मिलियन टन उवर्रक,4.63 मिलियन टन सीमेंट और 3.2 मिलियन टन मिनरल ऑयल की लोडिंग की।
कोरोना संकट के बीच अगस्त के महीने में ही भारतीय रेलवे ने एक ओर कारनामा कर दिखाया। उत्तर रेलवे की तरफ से फिरोजपुर मंडल के अधीन लुधियाना में बैटरी के साथ चलने वाला लोकोमोटिव इंजन बना कर तैयार कर दिया। इस इंजन को तैयार करने के लिए 6 सदस्यों की विशेष टीम बनाई गई थी, जिन्होंने एक महीना दिन-रात मेहनत करने के बाद इसको तैयार किया।
इससे पहले रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने इस साल जुलाई महीने में कुल 151 एलएचबी कोच बनाए हैं। जो अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड है। पिछले साल की तुलना में ये उत्पादन तीन गुना ज्यादा रहा। 2002 के बाद ये अब सबसे बड़ा प्रोडक्शन रहा। इस कोच में यात्रियों को ज्यादा सुरक्षा से लेकर ज्यादा सुविधा दी जाती है।