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आग बुझाते वक्त बेहोश हो गए लेफ्टिनेंट कमांडर
जानकारी के मुताबिक आईएनएस विक्रमादित्य करवार बंदरगाह के पास पहुंचने वाला था, तभी अचानक उसमें आग लगी गई। नौसेना की ओर से कहा गया है कि लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान की साहस और बहादुरी की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया। चौहान आग बुझाने के प्रयासों की आगवानी कर रहे थे। वे पोत के कॉम्बेट क्षमता को किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए और इस दौरान वह बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल में लेकर जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका।
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नौसेना ने दिए जांच के आदेश
जंगी पोत पर आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। हालांकि इस बीच नौसेना परिस्थितियों की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी बिठाई गई है।
पुलवामा हमले के बाद पश्चिमी सीमा पर था तैनात
पुलवामा आतंकी हमले के बाद सीमा की सुरक्षा और पाक पर जवाबी कार्रवाई के लिए आईएनएस विक्रमादित्य को भी पश्चिमी समुद्री सीमा पर तैनात किया गया था। विक्रमादित्य मिग-29 के लड़ाकू जेट विमान से पूरी तरह लैस था और परमाणु पनडुब्बी, आईएनएस चक्र से सुरक्षित था। हालांकि हादसे के शिकार हुए पोत से इसका कोई संबंध नहीं है।
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