आर्थिक मंदी दूर करने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम यह एडवाइजरी मध्य अक्टूबर में जारी की गई। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां भारतीय सुरक्षा कर्मियों को निशाना बना रही हैं, जिसमें खास तौर से संवेदनशील इलाकों में तैनात भारतीय सेना के जवान शामिल हैं।
सेना ने सभी से सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारी का खुलासा नहीं करने और हनी ट्रैप के प्रयासों से सतर्क रहने को कहा है। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार- “पाकिस्तान के ऑपरेटिव सोशल मीडिया के जरिए वरिष्ठ सेना अधिकारियों के कांटैक्ट नंबर व तैनाती पैटर्न जुटा रहे हैं।”
महाराष्ट्र में 1999 में भी बीजेपी-शिवसेना में जारी था ऐसा ही झगड़ा…फिर पाकिस्तान के सोशल मीडिया के ऑपरेटिव भारतीय मूल के व्यक्ति के रूप में नाम बदलकर छद्म नामों जैसे विक्रम नाम और खुद को सेना मुख्यालय से काल कर रहे बताकर या इंश्योरेंस अधिकारी बनकर जानकारी ले रहे हैं। अधिकारी के अनुसार- “बाबा और आध्यात्मिक विचारों से भी जवानों को फंसाना नया चलन है।”