आपको बता दें कि 18 जुलाई को शोपियां के अमसीपुरा में मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मारने का दावा किया था। लेकिन राजौरी के तीन परिवारों ने कहा था कि मारे गए लोग उनके लापता सदस्य हो सकते हैं। इसके बाद एनडीए रिपोर्ट में 40 दिन बाद इसकी पुष्टि हुई कि मारे गए लोग राजौरी से लापता व्यक्ति थे।
रेल यात्री कृपया ध्यान दें, स्टेशनों को नया रूप देगी रेलवे, किराया बढ़ाकर यात्रियों से वसूली जाएगी खर्च की राशि इस मामले में सेना ने सेना ने ‘समरी ऑफ एविडेंस’ की कार्रवाई शुरू की है। यह संभावित कोर्ट मार्शल से पहले का कदम है।
शोपियां एनकाउंटर मामले में नियमों के उल्लंघन को लेकर सेना ने समरी ऑफ एविडेंस की कार्रवाई शुरू कर दी है। दरअसल इस महीने की शुरुआत में पूरी हुई कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में प्रथम दृष्टया ये सबूत पाया गया कि सैनिकों ने 18 जुलाई की मुठभेड़ में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (आफस्पा) के तहत मिली शक्तियों से हटकर कार्रवाई की।
यही नहीं इस कार्रवाई में तीन लोगों की जान भी चली गई थी। जो स्थानीय नागरिक थे। इसके बाद सेना ने अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की थी। ये है समरी ऑफ एविडेंस
‘समरी ऑफ एविडेंस’ के दौरान आरोपियों के खिलाफ आरोप के संबंध में सबूत और किसी अन्य साक्ष्य को रिकॉर्ड में लिया जाता है। इसके अलावा आरोप संबंधी सबूत लिखित में दर्ज किए जाते हैं और इसमें आरोपी का बयान भी हो सकता है।
इसके बाद होगी कोर्ट मार्शल की कार्रवाई
सेना के संबंधित कर्मियों के विरुद्ध ‘समरी ऑफ एविडेंस’ के दौरान कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामले के सभी ब्योरे को परखा जाएगा। इसके बाद ही कोर्ट मार्शल की कार्रवाई शुरू होगी।
गुजरात के वड़ोदरा में निर्माणाधीन इमारत गिरी, तीन लोगों की मौत कई के दबे होने की आशंका 18 जुलाई को हुए एनकाउंटर में मारे राजौरी के तीन व्यक्तियों के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज की है। परिजनों का कहना है कि मारे गए तीनों व्यक्ति श्रमिक के रूप में शोपियां में काम करते थे।