अलग अलग एयरबेसों पर होंगे तैनात
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मेड इंडिया ड्रोन-रोधी सिस्टम का मुख्य हथिया लेजर आधारित होगा। भारतीय वायुसेना इन एंटी-ड्रोन सिस्टमों को अलग-अलग एयरबेसों पर तैनात करने की योजना है। इसके बाद दुश्मनों को ड्रोन के जरिए से हमला करना और मुश्किल हो जाएगा।
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ड्रोन को ट्रैक कर नष्ट करने में सक्षम
वायुसेना ने आरएफआई में बताया है कि यह काउंटर अनआर्म्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम ड्रोन का पता लगाने, उसको ट्रैक करने, पहचान करने और नष्ट करने में सक्षम होना चाहिए। आरएफआई के मुताबिक, सिस्टम में ग्लोबल नेविगेशन सैटलाइट जैमर सिस्टम और रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमर भी होना चाहिए।
इजरायल के ड्रोन डोम जैसे सिस्टम
इनके फीचर्स की बात करे तो यह इजरायल के ड्रोन डोम सिस्टम जैसे है। साढ़े 3 किलोमीटर की दूरी से ही छोटे से छोटे टारगेट का आसानी से पता लगाकर उन्हें लेजर तकनीक से गिरा सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाता है। मानव रहित विमानों के लिए प्रभावी नो फ्लाई जोन को पूरी तरह से बनाए रखने के लिए इसमें मल्टी सेंसर, मल्टी किल सॉल्यूशन होगा।
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27 जून को जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले
आपको बता दें कि 27 जून को भारतीय वायुसेना के जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से हमले किए गए थे। माना जा रहा है कि अपने देश में यह इस तरह का संभवतः पहला हमला था। ड्रोन के जरिए दो कम तीव्रता वाले विस्फोट किए गए थे। हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ माना जा रहा है।