मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगले माह से देश में स्पूतनिक V तथा जॉयडस कैडिला की वैक्सीन भी बनना शुरू होने की संभावना है, इन दोनों के अलावा वर्तमान में उपलब्ध कोरोना वैक्सीन्स कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन की क्वांटिटी भी बढ़ाने की योजना पर कार्य चल रहा है। यदि सभी कुछ सही रहा तो अगले महीने से रोजाना 80 से 90 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा सकेगी।
वर्तमान में देश में हर महीने लगभग 12 करोड़ टीके बनाए जा रहे है। ये टीके कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन है। इनके अलावा जॉयडस कैडिला शुरूआत में एक से दो करोड़ टीकों का निर्माण करेगी। स्पूतनिक V का भी हिमाचल प्रदेश में निर्माण होना शुरू हो गया है। हालांकि अभी रूस से भी स्पूतनिक वैक्सीन का आयात किया जा रहा है। मॉडर्ना और सिप्ला से भी सरकार की वैक्सीन के लिए बात चल रही है। इस तरह सरकार हर संभव प्रयास करके टीकों की आपूर्ति बढ़ाने पर काम कर रही है। मंत्रालय के अनुसार अगस्त से टीकों की बढ़ी हुई आपूर्ति नियमित रूप से होने लगेगी और सितंबर – अक्टूबर तक देश में रोजाना एक करोड़ तक वैक्सीन की डोज लोगों को दी जा सकेंगी।
उल्लेखनीय है कि देश की पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने के लिए लगभग कोरोना वैक्सीन की लगभग 188 करोड़ डोज की जरूरत होगी, इनमें से 98 फीसदी आबादी वयस्कों की है। फिलहाल इनमें से 38 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। यदि हर महीने 12 करोड़ डोज दी जाए तो अगले छह महीनों में केवल 72 करोड़ डोज ही दी जा सकती है फिर भी काफी लोग बच जाएंगे। ऐसे में बचे हुए लोगों को जल्दी से जल्दी वैक्सीनेट करने के लिए रोजाना दी जा रही वैक्सीन की खुराक बढ़ानी होंगी। नए टीकों की उपलब्धता बढ़ने से सितंबर से 80 से 90 लाख टीक रोज लगाए जा सकेंगे और अगले छह महीने में ही देश की लगभग पूरी आबादी को कोरोना प्रतिरोधक क्षमता दी जा सकेगी।