कर्नल बी संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से हैदराबाद लाया गया। बाद में उनका पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से उनके गृह नगर सूर्यापेट ले जाया गया। वायु सेना स्टेशन हाकिमपेट पर विमान रात आठ बजे के आसपास उतरा। हाथ में तिरंगा झंडा लिए लोगों ने एम्बुलेंस के मार्ग में फूल बरसाए।
तेलंगाना की राज्यपाल टी सुंदरराजन और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के टी रामा राव समेत अन्य लोगों ने शहीद सैन्य अधिकारी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तेलंगाना में कई स्थानों पर लोगों और राजनीतिक दलों के सदस्यों ने शहीद कर्नल को श्रद्धांजलि दी।
हिंसक झड़प में शहीद हुए सुनील कुमार का शव गुरुवार को उनके पैतृक गांव बिहार के बिहटा पहुंचा। जहां उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। सुनील कुमार की पत्नी ने कहा सरकार चीन से मेरे पति की शहदत का बदला ले।
हिंसक झड़प में शहीद होने वाले कुंदन कुमार ओझा अपनी नवजात बेटी का चेहरा तक नहीं देख सके। उनके घर में 17 दिन पहले बेटी ने जन्म लिया था। ओझा ने अपनी मां से आखिरी बातचीत में वादा किया था कि जैसे ही उन्हें छुट्टी मिलेगी वह सीधे घर आएंगे, पर शायद तिरंगे में लिपटे आएंगे ये नहीं सोचा था।
गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक ने भारतीय सेना के नायब सूबेदार सतनाम सिंह के परिवार से मुलाकात की, जिन्होंने गालवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी। डीसी गुरदासपुर कहते हैं, “यहां उनके नाम पर एक गेट का निर्माण किया जाएगा”।
ओडिशा में दो आदिवासी गांव अपने बेटों की शहादत से शोकाकुल हैं। चंद्रकांत प्रधान कंधमाल जिले के रायकिया मंडल में बिअर्पंगा गांव के रहने वाले थे। जबकि नायब सूबेदार नंदूराम सोरेन मयूरभंज के रायरंगपुर के रहने वाले थे। चंद्रकांत के पिता करुणाकर प्रधान ने कहा कि हमें गर्व है कि बेटे देश के लिए प्राणों का बलिदान दे दिया।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने कुछ दिन पहले फोन किया था और जहां वह तैनात था वहां मौजूद तनावपूर्ण स्थिति के बारे में बताया था।