इधर, खूनी संघर्ष के बाद बॉर्डर ( LAC Border ) पर अलर्ट कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र ( UN ) के बाद अमेरिका ने भी शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद जताई है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi ) से भारत और चीन के बीच जारी विवाद को लेकर चर्चा की। बता दें कि 1975 के बाद पहली बार भारत-चीन के बीच बड़ा खूनी संघर्ष हुआ है।
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बातचीत के बीच हमला
जानकारी सामने आई है कि 6 जून को भारत और चीन के सैन्य कमांडर के बीच मुलाकात हुई थी। उसके बाद से माना जा रहा था कि चीन सेना गलवान घाटी से पीछे हटेगी। दोनों देशों के बीच विवाद को लेकर बातचीत जारी ही थी कि सोमवार को दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हो गई। जिसमें एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए।
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3 घंटों तक हुआ खूनी संघर्ष
सोमवार को बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों ने 16 बिहार के कमांडिंग अफसर और जवानों पर हमला बोल दिया। दोनों सेनाओं के बीच करीब 3 घंटे तक खूनी संघर्ष होता रहा। भारतीय जवानों ने भी चीन को करारा जवाब दिया। इस झड़प में चीन के 32 जवान मारे गए हैं। वहीं, यह संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि कई सैनिक अभी भी लापता हैं और कई गंभीर रूप से घायल हैं।
45 साल पहले गई थी 33 जान
यह झड़प दुनिया के दो परमाणु ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गलवान वैली में हुई। 45 साल पहले इसी गलवान वैली में 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। 45 साल पहले अरुणाचल प्रदेश में भारतीय दल जिस समय गश्त पर था उस पर चीनी जवानों ने हमला बोल दिया था। सेना ने बताया कि डि-एस्कलेशन प्रक्रिया जारी थी, इसी बीच चीन सेना ने हमला बोल दिया। वहीं, अब जवानों के शहीद होने के बाद तनाव और गहरा गया है।