10 महीने पहले ज्वाइन की थी ड्यूटी
कड़होता गांव के रहने वाले शहीद अंकुश ठाकुर ने 10 महीने पहले ही रंगरूट की छुट्टी काटकर सेना में ड्यूटी ज्वाइन की थी। अंकुश ठाकुर के पिता और दादा भी भारतीय सेना में रहकर सेवाएं दे चुके हैं। 21 वर्ष की उम्र में अंकुश ठाकुर ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
परिवार में मचा कोहराम
एसडीएम भोरंज अमित शर्मा ने बताया कि सेना मुख्यालय से कड़ोहता के जवान के शहीद होने की सूचना मिली है। इसकी सूचना परिवार वालों को दी गई है। जैसे ही अपने लाडले के शहीद होने की सूचना मिली, परिवार में कोहराम मच गया। गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बताया जा रहा है कि सैनिक की पार्थिव देह आज शाम को गांव पहुंच सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि शहीद अंकुश ठाकुर का छोटा भाई अभी अभी छठी कक्षा में पढ़ता है।
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3 घंटों तक हुआ खूनी संघर्ष
सोमवार को बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों ने 16 बिहार के कमांडिंग अफसर और जवानों पर हमला बोल दिया। दोनों सेनाओं के बीच करीब 3 घंटे तक खूनी संघर्ष होता रहा। भारतीय जवानों ने भी चीन को करारा जवाब दिया। इस झड़प में चीन के 32 जवान मारे गए हैं। वहीं, यह संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि कई सैनिक अभी भी लापता हैं और कई गंभीर रूप से घायल हैं।