दरअसल, लद्दाख में एलएसी पर चीनी और भारत के बीच जारी तनातनी को इस घटना ने दूसरा ही रंग दे दिया है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतासवास में प्रेस अधिकारी के पद पर तैनात वांग जियानफेंग
ने गुरुवार को जो रिपोर्ट शेयर की है, उसमें 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से हटाई गई धारा 370 को हटाने को लेकर चीनी विश्लेषक का विश्लेषण लिखा गया है। वांग ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत ने कश्मीर की यथास्थिति बदलने की एक पक्षीय कार्रवाई की है। जिसकी वजह से राज्य में तनाव को बढ़ाने का काम किया जा रहा है। आर्टिकल में यह भी लिखा गया कि भारत के इस कदम से चीन और पाकिस्तान की संप्रभुता के सामने चुनौती पैदा हो गई है। जिसके साथ भारत-पाकिस्तान और चीन-भारत के संबंध और मुुश्किल हो गए हैं।
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आपको बता दें कि चीनी थिंक टैंक इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज, चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस (सीसीआईआर) के अंतर्गत आता है। इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर वांग शिदा ने इस आर्टिकल का नाम ‘इंडिया ब्लाइंडेड बाइ डबल कॉन्फिडेंस रखा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जम्मू—कश्मीर में भारत ने आर्टिकल 370 हटाकर चीन से मिलती हुई एक नई सीमा को खोल दिया है। इस नक्शे में भारत ने कई ऐसे क्षेत्रों को भी अपने अधिकार में दिखाया है, जो शिनजियांग के नियंत्रण में आता है।
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यहां तक कि तिब्बत को भी लद्दाख का क्षेत्र दिखाया है। यही नहीं पीओके को भी भारत ने अपने भू—भाग में दिखाया है।
इतना ही नहीं वांग शिदा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ही तरह भारत पर हिंदु राष्ट्र कहा है।