इसके जवाब में कानूनी पहलुओं ( Legal aspects ) पर विचार करने के बाद भारत सरकार ने कुलभूषण जाधव से बिना किसी रुकावट मिलने देने की मांग की है। ताकि अध्यादेश के तहत कूलभूषण से पाकिस्तान की सैन्य अदालत ( Pakistan Army Court ) द्वारा दी गई सजा की हाईकोर्ट में समीक्षा पर चर्चा की जा सके।
Corona vaccine : ट्रायल को लेकर आज आ सकती है खुशखबरी, यहां से हो सकती है बड़ी घोषणा | भारतीय विदेश मंत्रालय ने विगत गुरुवार को कहा था कि हम कुलभूषण जाधव से संबंधित मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर आकलन कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ( MEA Spokesperson Anurag Shrivastav ) ने मीडिया को बताया था कि हमने इस मुद्दे को उठाया था कि कुलभूषण जाधव ने पुनर्विचार याचिका ( Writ Petition ) को लेकर पाकिस्तान नापाक खेल कर रहा है। पाक का यह खेल पिछले 4 वर्षों से जारी है। एक सप्ताह पहले हमने अपने कानूनी विकल्पों का आकलन कर रहे हैं। भारत अपने नागरिक कुलभूषण जाधव के जान की रक्षा के लिए पहले की तरह पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
Delhi High Court : थरूर के सवालों का जवाब दाखिल करे पुलिस, Sunanda के ट्वीट को सुरक्षित रखने की मांग अनुराग श्रीवास्तव ( Anurag Shrivastav ) ने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान के दोनों दावों को भी खारिज कर दिया था जिसमें उसने कहा गया था कि जाधव ने अपनी सजा के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ( IHC ) में अपील दायर करने से इनकार कर दिया है। साथ ही कहा कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ( ICJ ) के निर्णय के कार्यान्वयन के लिए अपने अधिकारों को वापस लेने के लिए इस्लामाबाद द्वारा भारतीय नागरिक के साथ ज़बरदस्ती की गई थी। इस मामले में पाकिस्तान आईसीजे की बात मानने को तैयार नहीं हैं
एमईए के अनुराग श्रीवास्तव ने कुलभूषण जाधव से बिना किसी रुकावट मिलने देने की मांग पाकिस्तान सरकार से की है। ताकि अध्यादेश के तहत उनसे पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा दी गई सजा की हाईकोर्ट में समीक्षा पर चर्चा की जा सके।
बता दें कि भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को कथित तौर पर 3 मार्च, 2016 को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर ईरान से पाकिस्तान में प्रवेश किया था। इस बात का दावा पाकिस्तान करता रहा है। कुलभूषण जाधव पर जासूसी और अन्य गतिविधियों में शामिल होने के पाकिस्तान के आरोपों को भारत ने पहले ही खारिज कर चुका है।
भारत का कहना है कि पाकिस्तान के जासूसी एजेंसियों के अधिकारियों ने ईरान के चाबहार बंदरगाह क्षेत्र से कुलभूषण जाधव का अपहरण कर लिया था। चाबाहर में कुलभूषण एक व्यवसाय चला रहा था। श्रीवास्तव ने कहा कि 2017 के बाद से जब पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने एक मुकदमे की सुनवाई की तो पाकिस्तान ने भारत को मामले में एफआईआर, सबूत, अदालत के आदेश आदि सहित किसी भी संबंधित दस्तावेज को सौंपने से इनकार कर दिया। बाद में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई है।