इसके बाद बीते 12 जनवरी को नवदीप एक और प्रदर्शन में गईं, वहां भी पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद नवदीप किसानों के समर्थन में दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहुंची, तो वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर हत्या की कोशिश, दंगा और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगा। राजवीर के मुताबिक, 12 जनवरी को पुलिस ने मजदूर अधिकार संगठन के टेंट से नवदीप को गिरफ्तार किया। मगर गिरफ्तारी की सूचना काफी देर तक परिवार को नहीं दी गई। बाद में पुलिस नियंत्रण कक्ष से पता चला कि उन्हें हरियाणा के करनाल जेल में भेज दिया गया है।
नवदीप कौर ने अपनी याचिका में संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें गलत फंसाया है। गिरफ्तारी के बाद न सिर्फ पीटा गया बल्कि, हिरासत के दौरान यौन उत्पीडऩ भी किया गया। नवदीप का कहना है कि देश में किसान और श्रमिक लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। सरकार उनके हक की चीजों को बेच रही और इससे अपना पेट भर रही है। नवदीप ने कहा कुंडली थाने से पुलिस की एक टीम प्रदर्शन स्थल पर आई। वहां पुलिसकर्मियों ने मेरा बाल खींचा। उसी हालत में मुझे एक ओर ले गए और गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद थाने ले जाकर पीटा गया। उन्होंने याचिका में दावा किया कि महिला पुलिस अफसर की गैर मौजूदगी में पुरूष पुलिसकर्मियों ने पीटा। उन्होंने अपने प्राइवेट पार्ट में चोट के निशान होना भी बताए हैं।