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अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये होगी
यही नहीं पुणे-मुंबई हाइपरलूप परियोजना की प्री फिजिबिलिटी का काम पूरा कर इसकी रिपोर्ट आईआईटी मुबंई को रिव्यू के लिए भेज दी गई है। इस महत्वपूर्ण परियोजना को पूरा करने लिए महाराष्ट्र सरकार और वरजिन हाइपरलूप के बीच एक पार्टनरशिप हुई है। जानकारी के अनुसार इस हाइपरलूप का डेमो 2019 में 15 किलोमीटर लंबे रुट पुणे के बालेवाड़ी से गहुंजे पर होगा। यह रूट मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के एकदम समांतर है। इस परियोजना पर आने वाली लागत की बात करें तो अमरीकी कंपनी इसके शुरुआती चरण में 300 करोड़ रुपए का खर्च करेगी। परीक्षण की सफलता के बाद, पूर्ण इलेक्ट्रिक हाइपरलूप का निर्माण चार सालों के अंदर या 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा और इसकी अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये होगी।
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आपको बता दें कि पिछले दिनों महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने वर्जिन हाइपरलूप वन के लास वेगास स्थित एक परीक्षण स्थल का दौरा किया था। फडणवीस ने यह यात्रा राज्य सरकार और रिचर्ड ब्रैनसन की अगुवाई वाले वर्जिन समूह के बीच मुंबई-पुणे हाइपरलूप के निर्माण के लिए किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बाद की। उनके साथ कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रॉब लायड भी थे। उन्होंने प्रदर्शन ट्रैक का अध्ययन किया और महाराष्ट्र में इस प्रौद्योगिकी की तैनाती में तेजी लाने के लिए चर्चा की थी।
वर्जिन हाइपरलूप वन लॉस एंजिल्स की एक कंपनी है, जो मूल रूप से टेस्ला संस्थापक एलन मस्क के विचार पर आधारित है। कंपनी का लक्ष्य सार्वजनिक परिवहन को “हाइपरलूप्स” या पॉड्स बनाकर बदलना है, जो लोगों को सुरंगों के माध्यम से हाई स्पीड पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती है। कंपनी ने जय वाल्डर को अपने नए सीईओ के रूप में नियुक्त किया है। भाारत में इसका पहला प्रोजेक्ट सबसे अधिक आबादी वाले शहर और पुणे के बीच एक हाइपरलूप होगा। दोनों शहर महाराष्ट्र राज्य में हैं, जिनके बीच की दूरी लगभग 150 किमी है।