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हैदराबादः भारत माता की ‘जय’ कहने के खिलाफ फतवा जारी

“लैंड ऑफ इंडिया को भारत को मां कहना ठीक नही है, एक इंसान की मां एक इंसान ही हो सकती है”

Mar 19, 2016 / 03:58 pm

पुनीत पाराशर

bharat mata ki jai

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नई दिल्ली। इस्लामिक संगठन जामिया निजामिया ने भारत माता की जय बोलने के खिलाफ फतवा जारी किया है। हैदराबाद के इस संगठन के मुताबिक, इस्लाम मुस्लिमों को इस नारे की इजाजत नहीं देता। संगठन का कहना है कि इंसान को इंसान जन्म देता है धरती नहीं। संगठन ने यह बात मौलवी सैय्यद गुलाम समादानी अली कादरी के सवाल के जवाब में कही है। मालूम हो कि गुलाम समादानी ने देश में जारी बहस के बीच संगठन से इस सवाल पर जवाब मांगा था।

इंसान होती है इंसान की मां-
दारुल उलूम इफ्ता और इस्लामिक फतवा सेंटर के मुफ्ती अजीमुद्दीन ने कहा कि कुदरत के कानून के मुताबिक एक इंसान ही इंसान को जन्म दे सकता है। उन्होंने कहा कि लैंड ऑफ इंडिया को भारत को मां कहना ठीक नही है। एक इंसान की मां एक इंसान ही हो सकती है, किसी धरती का कोई टुकड़ा नहीं। मुफ्ती ने कहा कि इस्लामिक रूल्स के मुताबिक हम भारत की धरती को भारत माता नहीं कह सकते।

जय कहना निजी मामला-
फतवा सेंटर के मुफ्ती ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई भारत की धरती को मां की तरह ट्रीट करता है तो यह उसका पर्सनल इश्यू है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन वो शख्स दूसरों को भी ऐसा ही करने के लिए नहीं कह सकता। देश से प्यार जताने का इकलौता जरिया नहीं ‘जय’ कहना इस्लाम में भारत माता की जय कहने की इजाजत न होने का दूसरे मौलवियों ने भी सपोर्ट किया है।

कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद-
गौरतलब है कि हैदराबाद की ही सूरत-उन-नबी अकादमी का कहना है कि कॉन्सटीट्यूशन में यह कहीं नहीं लिखा है देश से प्यार का इजहार करने के लिए भारत मां की जय का नारा लगाना जरूरी है। यह सारा विवाद असदुद्दीन ओवैसी के बयान से शुरू हुआ। मालूम हो कि पिछले रविवार को एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के लातूर में कहा था कि चाहे मेरे गले पर चाकू रख दो, लेकिन मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा।।

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