किसान आंदोलन के बीच अन्नदाता जी जान से कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान वे घर मे शादी ब्याह जैसे जरूरी काम भी छोड़कर सिर्फ सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। वहीं आंदोलन के बीच सिंधु बॉर्डर पर 50 से ज्यादा घोड़े भी मंगाए गए हैं। किसानों ने बताया कि आंदोलन के बीच इनका कैसे इस्तेमाल किया जाएगा।
देश के दो राज्यों पर मंडराया चक्रवाती तूफान बुरेवी का खतरा, मौसम विभाग ने इन इलाकों में जारी किया सबसे बड़ा अलर्ट अपनी मांगों को लेकर किसानों का संघर्ष जारी है। राजधानी दिल्ली पहुंचने के लिए बड़ी संख्या में किसान खुले आसमान के नीचे दिन-रात सड़कों पर डटे हैं। वहीं गुरुवार रात सिंधु बॉर्डर पर बड़ी हलचल दिखाई दी। यहां आंदोलन के बीच 40 से 50 घोड़े बुलाए गए हैं।
ये रहेगी घोड़ों की भूमिका
जब किसानों से पूछा गया कि घोड़ों को आंदोलन के बीच क्यों बुलाया गया है। उनकी इस आंदोलन में क्या भूमिका रहेगी तो किसानों का कहना था कि पुलिस हमें दिल्ली में नहीं जाने दे रही है। हर तरफ बैरिकेड लगा दिए हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम घोड़ों पर सवार होकर बैरिकेड लांघेंगे।
दरअसल निहंगों का जत्था घोड़ों पर सवार होकर सबसे आगे पुलिस बैरिकेड के पास डंटा हुआ है। निहंगों ने बैरिकेड के साथ ही अपने घोड़े भी बांध दिए हैं और एक घेरा बना लिया है। किसानों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो और भी मंगवाएंगे।
देश के प्राइमरी टीचर ने जीता 7 करोड़ का इनाम, फिर किया दिल छू लेने वाला काम बेटी की शादी में भी नहीं गया किसानकिसानों के संघर्ष का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक किसान अपनी बेटी की शादी में भी घर नहीं लौटा। अपनी मांगों को लेकर किसान काफी गंभीर हैं। यही वजह है कि वे अपने सारे कामकाज छोड़कर सड़कों पर डटे हुए हैं।
किसान सुभाष चीमा ने कहा कि आज वो जो कुछ भी हैं अपनी खेती-किसानी की वजह से हैं। ऐसे में अपनी मांगों के आगे कोई चीज अहम नहीं है।