इस खत में सभी राज्यों से प्रवासी मजदूरों के लिए ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें चलाने को कहा गया है। खत में प्रवासी श्रमिकों के संकट को कम करने के लिए कई कदम उठाने के सुझाव भी दिए गए हैं। इसके साथ ही कहा गया है कि रेल मंत्रालय ( Railway Ministry ) से समन्वय कर सभी राज्य ज्यादा से ज्यादा विशेष ट्रेनें ( Special Train ) चलाएं।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि साफ-सफाई, भोजन एवं स्वास्थ्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ठहरने की जगहों की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। भल्ला ने कहा कि बसों एवं ट्रेनों के प्रस्थान के बारे में और अधिक स्पष्टता होनी चाहिए क्योंकि स्पष्टता के अभाव में और अफवाहों के चलते श्रमिकों में बेचैनी देखी गई है।
प्रवासी श्रमिकों के बीच महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की खास जरूरतों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा सकता है। पैदल चल रहे मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था करें
भल्ला ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी हिदायत दी है कि पैदल चल रहे मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था की जाए। उन्हें निर्धारित स्थानों पर या परिवहन के माध्यम उपलब्ध करावाए जाएं।
इन सभी मजदूरों को करीबी बस अड्डे या रेलवे स्टेशन तक भेज सकते हैं, प्रवासियों के पते एवं फोन नंबर लिखें जो आगे संपर्कों का पता लगाने में मददगार साबित हो सकते हैं। NGO से लें मदद
प्रवासी मजदूरों की देखरेख और उनके ठहरने के स्थानों पर काम के लिए एनजीओ की मदद लें। भल्ला ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों या एनजीओ कर्मियों की ओर से ठहरने के स्थान पर लंबे समय तक पृथकवास के लिए रोके जाने संबंधी धारणा को खत्म करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
प्रवासी मजदूरी की बसों को मिले मंजूरी
गृह सचिव ने कहा कि इसके अलावा अंतरराज्यीय सीमा पर प्रवासी मजदूरों को ले जा रही बसों को जाने की अनुमति दी जाए, श्रमिक जहां हैं उन्हें वहीं रोकने के लिए खाने, स्वास्थ्य सुविधाओं व काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए।