मुंबई. नोटबंदी के बाद सट्टा बाजार और हवाला कारोबार ठप पड़ गया है। इस अवैध कारोबार के व्यापारियों पर इनकम टैक्स और सुरक्षा एजेंसियों की नजरें हैं। ऐसे में कारोबारी पैसा ठिकाने लगाने के लिए नेपाल व बांग्लोदश जैसे मुल्कों में बैठे आकाओं व कारोबारियों से कोड वर्ड में बात कर रहे हैं। कोड क्रेक करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
यही नहीं, कोर्ड वर्ड में बात करने वालों में अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी समेत कई इंटरनेशनल गिरोह भी शामिल हैं। कई पार्टियों के बड़े नेता से लेकर फेक करंसी के व्यापारी भी कालाधन सफेद करने में लगे हैं। खुफिया एजेंसियों को इनके कोड वर्ड औैर लेन देने के संबंध में जानकारियां मिली हैं। एजेंसियों को इन गिरोहों की बातचीत पर शक न हो, इसलिए इन्होंने कई नए कोड ईजाद किए हैं। एजेंसियां इन कोड को क्रेक करने में लगी हैं। हालांकि कुछ कोड क्रेक हुए हैं पर इनकी संख्या बेहद कम है।
खाड़ी देश में हुई थी बैठक
सूत्रों के अनुसार, हाल में एक खाड़ी देश में बैठक हुई थी। इसमें अवैध कारोबार के कई व्यापारी और कालेधन को सफेद करने वाले गिरोह शामिल हुए थे। बैठक में हर नोट के लिए कोर्ड जारी किए गए थे। इनकम टैक्स और सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचने के लिया ऐसा किया गया था। अब देशभर में इन्हीं कोड का प्रयोग किया जा रहा है। बता दें कि नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश से लेकर दुबई में कई गिरोह मोटी रकम लेकर कालाधन सफेद करने में लगे हैं।
ऐसे करते हैं बातचीत
तिजोरी के लिए गार्डन और नोटों के लिए फ्लावर शब्द का बतौर कोड इस्तेमाल या जा रहा है। जिस व्यक्ति के पास ये नोट हैं उसे गिरोह के लोग गार्डनर यानी माली पुकारते हैं। जिससे नोट लेने हैं, उसे प्रिस्ट यानी पुजारी कहकर संबोधित करते हैं। उदाहरण के तौर पर आपके गार्डन में कितने फ्लावर हैं। इसका मतलब आपकी तिजोरी में कितने नोट हैं, होता है।
किस तरह के कोड
– 500 के पुराने नोट का कोड- येलो फ्लावर
– 500 के नए नोट का कोड- ग्रीन वेजिटेबल
– 1000 रुपये के नोट का कोड वर्ड- रेड रोज
– 2,000 रुपये के नए नोट का कोड- पिंक पेपर
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