आपको बता दें कि वैक्सीनेशन के तीसरे चरण के तहत 1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों को भी टीके लगाए जाएंगे। फिलहाल देश में वैक्सीनेशन अभियान के तहत 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई जा रही है।
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Delhi में Oxygen संकट के बीच रीफिल सेंटर पर बड़ा छापा, सामने आया चौंकाने वाला सच कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम के थर्ड फेज के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Union Health Minister Harsh Vardhan) ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के कोविड वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
हर्षवर्धन ने लिखा- ‘अगर आप 18 से ज्यादा उम्र के हैं तो तैयार हो जाइए, क्योंकि आपके वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस जल्द ही शुरू होने वाला है।’ चुनौती बड़ी, लेकिन लहर को पार कर जाएंगे
डॉ. हर्षवर्धन ने माना कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर काफी ज्यादा है, लेकिन उम्मीद है कि इस बड़ी चुनौती देश मिलकर एक बार फिर पार कर जाएगा।उन्होंने कहा कि टेस्टिंग से लेकर वैक्सीनेशन तक हर क्षेत्र में तेजी लाई जा रही है। मंत्री ने दावा किया कि भारत करीब 12 करोड़ वैक्सीन डोज सबसे अधिक तेजी से देने वाला देश है।
वैक्सीनेशन को लेकर आए सरकार के नए फैसले के बाद आगामी 1 मई से से वैक्सीन प्रोग्राम का नया चरण शुरू हो जाएगा। लेकिन इससे पहले 24 अप्रैल से लोग रजिस्ट्रेशन करवा कर अपने वैक्सीन डोज की तारीख और समय तय कर सकेंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक, जो नागरिक इस चरण में वैक्सीन लगवाना चाहते हैं, वे शनिवार से कोविन ऐप (CoWin App) पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यह भी पढ़ेँः
देश में Corona के नए मामलों ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, अमरीका को पीछे छोड़ सामने आए सबसे ज्यादा केस केंद्र सरकार की तरफ से बीते सोमवार को वैक्सीन के नए चरण की घोषणा की गई थी, जिसके तहत 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति मिली थी।
खास बात है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच युवा वर्ग को वैक्सीन दिए जाने की मांग तेज हो रही थी। लेकिन अब तक जिस चरण में वैक्सीन लगाई जा रही है, उसमें ही कई राज्यों में टीके की किल्लत सामने आई है। हालांकि केंद्र सरकार कने आशवस्त किया है कि वैक्सीन की कमी नहीं है और हर राज्य को जरूरत के मुताबिक टीके उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
जबकि कई राज्यों में अपने यहां सेंटरों में वैक्सीन की कमी जाहिर भी की और कुछ सेंटरों को बंद भी करना पड़ा। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकार किस तरह डिमांड और सप्लाय की चैन को बरकरार रख पाएगी।