पहले की थी 42 दिन की पैरोल की मांग
Dera Sacha Sauda प्रमुख राम रहीम ने कुछ समय पहले हरियाणा के सिरसा में खेती करने के लिए 42 दिन की पैरोल मांगी थी, लेकिन सोमवार को बगैर शर्त के उसने वकील के जरिए अपनी पैरोल याचिका वापस ले ली है।
राम रहीम के पैरोल के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियां
दरअसल, केंद्रीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां राम रहीम को पैरोल पर रिहा करने के पक्ष में नहीं थे। स्थानीय लोगों ने भी जिला कलेक्टर को पैरोल के खिलाफ ज्ञापन दिया था। जिला प्रशासन को भी आशंका थी कि अगर राम रहीम जेल से बाहर आता है तो एक बार फिर पंचकूला जैसी हिंसा हो सकती है
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राम रहीम ने क्यों वापस ली पेरौल याचिका
राम रहीम के पेरौल के विरोध को देखते हुए खुद गुरमीत के वकीलों ने याचिका वापस लेने की सलाह दी थी। सूत्रों की माने तो वकीलों ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर खराब होने की आशंक को देखते प्रशासन पैरोल याचिका खारिज कर सकता है।
अगर ऐसा एकबार होता है तो भविष्य में भी राम रहीम को शायद पैरोल ना मिले। यानि एक चाल के तहत राम रहीम ने दोबारा पैरोल के लिए अभी याचिका वापस ले ली है।
कर्मों का फल भुगत रहा राम रहीम
बता दें कि स्वयंभू धर्मगुरु राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में अगस्त 2017 में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। वहीं इस साल जनवरी में पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने राम रहीम और तीन अन्य लोगों को Journalist Ramchandra Chhatrapati की हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।