गुजरात में बीते 48 घंटे में 7410 नए मामले सामने आए। जबकि 2642 लोग डिस्चार्ज हुए और 73 लोगों की मौत हुई है। लेकिन इस बीच शवों के अंतिम संस्कार को लेकर कई शहरों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। श्मशानों को लेकर वेटिंग चल रही है तो वहीं एडवांस में ही कब्रें खोदी जा रही हैं।
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Corona के बढ़ते खतरे के बीच सीएम केजरीवाल का बड़ा ऐलान, दिल्ली में लगा वीकेंड कर्फ्यू, जानिए क्या खुला, क्या रहेगा बंद सूरत, अहमदाबाद और वडोदरा जैसे शहरों में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। सूरत शहर के उमरा इलाके के एक शमशान में दो दिन पहले रात के समय एक साथ 25 शवों का लकड़ियों से बनी चिताओं पर अंतिम संस्कार किया गया।
वहीं वडोदरा में भी श्मशानों में भीड़ बढ़ने के कारण लोगों को रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। इसी तरह अहमदाबाद के सीएनजी संचालित शवदाह गृह में 10-12 घंटे की वेटिंग चल रही है। उधर, सुरेंद्रनगर जिले के लींबडी कस्बे में सात दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया। व्यापार मंडल ने श्मशान ग्रह में लोगों से शवदाह के लिए लकड़ियां दान करने की भी अपील की है।
श्मशान ही नहीं कब्रगाहों पर भी हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। सूरत के रामपरा कब्रिस्तान के प्रबंधक मोहम्मद आसिफ के मुताबिक कोविड के प्रकोप से पहले दिन में दो-तीन शव आते थे, लेकिन अब 10-12 रोज आते हैं। एक कब्र खोदने में छह-सात घंटे लगते हैं।
मजदूरों की कमी के चलते अब जेसीबी से एडवांस में कब्रें खुदवाई जा रही हैं। बीते 48 घंटे में गुजरात में कोरोना के 6690 केस सामने आए, जबकि 67 लोगों की मौत हुई।
यह भी पढ़ेंः देश में Corona की दूसरी लहर का कहर, डरा रहे 24 घंटे में आए नए मामलों के आंकड़े रात में ही हो रहे अंतिम संस्कारअधिकारियों के मुताबिक हिंदू धर्म में आमतौर पर सूरज ढलने के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता, लेकिन इन दिनों शमशानों में शवों की भारी संख्या के चलते लोगों को रात में भी अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है।