गांधीनगर। गुजरात में प्रतिष्ठित गिर नस्ल की गायों की संख्या में कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने ब्राजील से गिर नस्ल के बैल के वीर्य की दस हजार डोज मंगाने का फैसला किया है। खास बात यह है कि यह उन्हीं बैलों के वंशज हैं, जिन्हें भावनगर के महाराजा ने आजादी से पहले सद्भावना के तौर पर ब्राजील को उपहार में दिए थे।
सरकार ने दिए 50 लाख रुपए
गिर गाय बहुत ज्यादा दूध देने के लिए जानी जाती है, लेकिन इन दिनों जर्सी गायों के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान के बीच इनकी संख्या में धीरे-धीरे कमी आने लगी है। मौजूदा स्थिति यह है कि गुजरात में दो करोड़ दुधारू नस्लों के बीच महज 7 लाख ही गिर गायें बची हैं। ऐसे में सरकार ने गिर गायों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने के लिए यह फैसला किया है। इसके लिए पचास लाख रुपए का भी दे दिए हैं। हालांकि राज्य के गो सेवा आयोग ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि गिर गाय और ब्राजली की नस्ल एक शुद्ध किस्म की नस्ल नहीं होगी।
गो सेवा आयोग का विरोध
पशुपालन विभाग की सेक्रटरी मोना खंधार ने कहा कि वैज्ञानिक रूप से ब्राजील से जांच परख कर चुने गए गिर बैलों का वीर्य, गिर और खंडरेज नस्ल की गायों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए मंगाया जा रहा है, ताकि राज्य में गिर गायों की आबादी बढ़े। उधर, गो सेवा आयोग के चेयरमैन डॉ. वल्लभ के अनुसार गुजरात के पास अच्छी संख्या में अच्छी नस्ल के गिर बैल हैं। उन्होंने कहा कि ब्रजील से वीर्य आयात करने की जरूरत ही नहीं है।
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