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दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से यह कदम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रही जजों की भारी कमी को देखते हुए उठाया जा रहा है। एक पार्लियामेंट्री कमेटी ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सेवानिवृति उम्र को बढ़ाने का अनुरोध किया है। आपको बता दें कि यह विधि एंव कार्मिक मामलों के लिए गठित इस पार्लियामेंट्री कमेटी ने सिफारिश की है कि अदालतों में लंबित पड़े मुकदमों के बोझ को कम करने के लिए जजों के रिक्त पड़े पदों को तत्काल पूरा किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कमेटी ने दोनों अदालतों में तैनात जजों की उम्र सीमा में बढ़ोतरी की सिफारिश की है। कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि जजों के सेवा विस्तार से लंबित पड़े मुकदमों को निस्तारित करने में मदद मिलेगी।
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देश की विभिन्न हाईकोर्ट में खाली पड़े जजों की पद— कुल 24 हाईकोर्ट में जजों के 406 पद खाली— इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों के 56 पद रिक्त
— कर्नाटक हाईकोर्ट में 38 पद रिक्त
— कलकत्ता हाईकोर्ट में 39 पद रिक्त
— पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 35 पद रिक्त
— आंध्र व तेंलगाना हाईकोर्ट में 30 पद रिक्त
— बंबई हाईकोर्ट में जजों के 24 पद रिक्त हैं