बताया जाता है कि नए एसी थ्री टियर कोच का किराया (Train Ticket Fare) स्लीपर और एसी थ्री के बीच का होगा। इस तरह के कोच को लगाने के पीछे का मकसद यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कम रुपए में एसी क्लास में सफर कर सकें। पहले फेज में इस तरह के 230 डिब्बों का उत्पादन किया जाएगा। मालूम हो कि साल 2004-09 के बीच UPA सरकार के दौरान भी इकोनॉमिकल एसी 3-टियर क्लास डिब्बों को तैयार करने की योजना थी। उस वक्त गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनें लॉन्च की गई थी। हालांकि, यात्रियों में इसे लेकर क्रेज नहीं था। बाद में ट्रेन में भीड़भाड़ की स्थिति भी पैदा होने लगी। नतीजतन इस तरह के कोच का उत्पादन बंद कर दिया गया। मगर अब दोबारा ऐसे कोच को नए अंदाज में पेश किए जाने की तैयारी है।
ट्रेनों की बढ़ाई जा रही स्पीड
रेलवे यात्रियों को सुविधा देने एवं उन्हें कम समय में जल्दी गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कई प्लान बना रही है। इसी सिलसिले में ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाई जा रही है। अभी तक खास ट्रेनें 110 किमी प्रति घंटा पर चल रही है। वहीं, नई दिल्ली से मुंबई और नई दिल्ली से कोलकत्ता पर जून 2021 तक 130 किमी प्रति घंटा पर ट्रेनें चलेंगी। भविष्य में ट्रेनों से स्लीपर क्लास कोच हटाने की कोई योजना नहीं है।