नई दिल्ली। भारत के कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से उछाल देखा गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि इसके पीछे वायरस का नया स्वरूप जिम्मेदार हो सकता है। इस आशंका में कितनी सच्चाई है, इसका पता लगाने को सैम्पल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग हो रही है।
जुलाई तक 20 रुपए तक बढ़ जाएंगे पेट्रोल के दाम, डीजल की कीमत भी जाएगी 100 रुपए के पार स्वास्थ्य मंत्रालय के जरिए मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बीते एक माह में महाराष्ट्र और केरल से करीब 900 सैम्पल भेजे गए हैं। दिल्ली में भी उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अफसरों को क्लस्टर-बेस्ड जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू करने का आदेश दिया है। क्लस्टर-बेस्ड जीनोम सीक्वेंस टेस्टिंग और सर्विलांस से वायरस के म्यूटेशन को अहम जानकारी मिल सकती है।
पंजाब और बेंगलुरु से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैम्पल्स मांगे गए हैं। तीन से चार दिन में यह तय हो जाएगा कि इन राज्यों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के पीछे कोई नया वैरियंट है या नहीं। अबतक देशभर में करीब 6 हजार सैम्पल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा चुकी है।
नए वैरियंट्स के फैलने के सबूत अबतक नहीं केरल और मुंबई में ‘माइक्रो लेवल मॉनिटरिंग’ की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह भी पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या नए इलाकों में कोविड क्लस्टर्स बन रहे हैं। भारत में अबतक जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 10 सर्विलांस साइट्स तैयार की गई हैं।
यूरोप की तरह भारत में बेहद संक्रामक यूके वैरियंट के उतने ज्यादा फैलने के मामले सामने आए हैं। यूके वैरियंट के अबतक 187 मामले सामने आए हैं। ब्राजील और साउथ अफ्रीका से भी नए वैरियंट सामने आए हैं। साउथ अफ्रीकन स्ट्रेन के अबतक चार मामले और ब्राजील वैरियंट का एक मामने ही सामने आया है।