इसी क्रम में कई प्राइवेट अस्पतालों ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों और आपूर्ति करने वाले लोगों से कोरोना का टीका खरीदने संबंधी बातचीत शुरू कर दी है। बता दें कि 1 मई से देश के कई राज्यों में 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाए जाने की शुरुआत हो रही है। कंपनियों के पास लगभग 10 दिन का समय बचा है, जब वह टीका बनाने वाली कंपनियों से बातचीत कर नए ऑर्डर बुक कर सकती हैं।
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प्राइवेट अस्पतालों से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि अब तक कोरोना टीका की आपूर्ति या कीमत के मामले में स्पष्टता नहीं है। टीका बनाने वाली कंपनियों से इसके लिए बातचीत शुरू हो सकती है। अस्पातल प्रबंधन इस बारे में सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले एक हफ्ते में इससे जुड़े निर्देश सामने आ सकते हैं।
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हालांकि, अब यह स्पष्ट है कि 1 मई से निजी अस्पताल अब ढाई सौ रुपए प्रति टीके के हिसाब से लोगों को वैक्सीनेशन की सुविधा नहीं दे पाएंगे। जो लोग 1 मई के बाद कोरोना टीके की दूसरी डोज लगावाना चाहते हैं, वह सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर में जाकर मुफ्त टीका लगवा सकते हैं या निजी अस्पतालों के तय किए गए कीमत पर वहां टीका लगवा सकते हैं। यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि निजी अस्पतालों को कोरोना टीका की कितनी आपूर्ति की जाती है।