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गौरतलब है कि एक दिन पहले यानी बुधवार को ही पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने दावा किया था कि जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है और उन्होंने अपनी लंबित दया याचिका के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल अहमद इरफान ने बुधवार को दावा किया कि 17 जून, 2020 को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को उनकी सजा और सजा पर पुनर्विचार के लिए एक याचिका दायर करने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने दावा किया कि अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग करते हुए कुलभूषण जाधव ने सजा और सजा पर पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया।
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एक संवाददाता सम्मेलन में अधिकारी ने कहा कि जाधव ने 17 अप्रैल, 2017 को दायर अपनी दया याचिका पर जोर दिया है। पाकिस्तान की मीडिया रपटों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने जाधव को दूसरी कांसुलर संपर्क की पेशकश की है। जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।