नागरिकता कानून, एनपीआर, एनआरसी पर पूर्व नौकरशाहों ने उठाए सवाल पांच सौ कॉलेजों के छात्र शामिल बता दें, सारंग में हर साल 100 से ज्यादा कार्यक्रम होते हैं। इसमें राज्य के 500 कॉलेजों के 60 हजार से ज्यादा स्टूडेंट शामिल होते हैं। आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. भास्कर राममूर्ति के अनुसार- इस सारे कार्यक्रम की तैयारी में बारह सौ छात्रों की मेहनत है। मैं जानता हूं, इस दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा। छात्रों की ओर से तैयार किया गया ये कार्यक्रम छात्रों के लिए ही है। फक्लिटी तो केवल उनकी मदद के लिए ही थी।
जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, कहा- मनमाने ढंग से नहीं लगाई जा सकती इंटरनेट पर पाबंदी कई बड़ी हस्तियां कार्यक्रम में शामिल उन्होंने कहा कि महोत्सव 1970 से आयोजित किया जा रहा है। जब इसकी शुरुआत हुई थी, उस समय मैं भी छात्र था। हर साल विद्यार्थी अपनी रुचि के हिसाब से इसके आयोजन और कार्यक्रमों में बदलाव करते हैं। समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों में गायक सिड श्रीराम, इतिहासकार और लेखक मनू एस पिल्लई आदि भी शामिल हुए। ‘सारंग’ के तहत कई नए इवेंट भी प्लान किए जा रहे हैं, जिनमें फिल्म फेस्टिवल, इंडिया फेस्ट जैसे इवेंट शामिल हैं।
ओवैसी की पार्टी का जामिया के प्रदर्शन को समर्थन दक्षिण भारत का आग्रणि महोत्सव संस्थान की सांस्कृतिक विंग की सलाहकार प्रो. नंदिता दास गुप्ता ने कहा कि- ‘सारंग’ का संस्थान के सांस्कृतिक कैलेंडर में महत्वपूर्ण स्थान है। जबकि संस्थान के छात्र अपने तकनीकी कौशल के लिए जाने जाते हैं। पांच दिन चलने वाले इस कार्यक्रम के जरिए इंजीनियरों की प्रबंधन और संगठनात्मक कुशलता उभरकर सामने आती है। छात्रों की सधी हुई प्रस्तुतियां इस महोत्सव को दक्षिण भारत का आग्रणी सांस्कृति कार्यक्रम बना देती हैं।
मुरली मनोहर जोशी बोले- जेएनयू के कुलपति को हटाया जाए 12 जनवरी को विशेष प्रस्तुति प्रो. नंदिता दास गुप्ता के अनुसार- महोत्सव में अंतिम रात की प्रस्तुति यादगार साबित होगी। इसमें मशहूर गायक शंकर महादेवन अपनी प्रस्तुति से समां बांधेंगे। महोत्सव के बारे में संस्थान के डीन (स्टूडेंट) प्रो. एमएस सिवाकमार बताते हैं कि छात्रों की ओर से आयोजित किया जाने वाला यह महोत्सव अपनी खास प्रस्तुतियों के कारण देश के सबसे बड़े छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रम के तौर पर जाना जाता है।