आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन मिलने की सूचना के बाद सीआरपीएफ ने अपने जवानों के लिए यह निर्देश जारी किया है। इसके अलावा, दूसरे राज्यों के जो जवान आइसोलेशन के लिए क्वारंटीन सेंटर में हैं, उन्हें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आए जवानों के साथ नहीं रुकने को कहा गया है। यह निर्देश सीआरपीएफ कमांड की ओर से सभी यूनिट्स को जारी किए गए हैं।
-
सीआरपीएफ की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, यदि किसी जवान में कोई बीमारी के लक्षण दिखाई दें या उसे किसी तरह की परेशानी महसूस होती है, तो सभी सावधानियां बरतते हुए उसे कोविड सेंटर की मान्यता वाले नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया जाए। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मरीजों को दूसरे कोरोना संक्रमित मरीजों से अलग आइसोलेशन सेंटर में रखा जाए। निर्देश पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी यूनिट के पास पीपीई किट, फेस शील्ड, मास्क, ग्लब्स, और संक्रमण रोकने में मददगार केमिकल का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए, जिससे वायरस को फैलने से रोका जा सके।
बताया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में N440K कोरोना का एक खतरनाक वेरिएंट है। यह तेजी से फैलता है और इसके संक्रमण से मरीज कुछ ही समय गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। यह पहले वाले ओरिजनल वेरिएंट से कई गुना अधिक खतरनाक बताया जा रहा है। इसके संक्रमण के बाद मरीज में तीन से चार दिन में ही गंभीर लक्षण सामने आ जाते हैं। बहरहाल, हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने इस वेरिएंट के दूसरे स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा खतरनाक और तेजी से संक्रमित होने की बात से इनकार किया है।
-
हालांकि, सीआरपीएफ निदेशालय ने सभी यूनिट की चिकित्सीय शाखाओं को मेडिकल ऑफिसर और पैरामेडिकल स्टॉफ को इस संबंध में बचाव के सभी जरूरी उपाय करने को कहा है, जिससे जवानों को इस वायरस से सुरक्षित रखा जा सके। सीआरपीएफ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पिछले दिनों हुई एक वीडियो कांफ्रेंसिंग मीटिंग में सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल कुलदीप सिंह ने सेक्टर आईजी के साथ बातचीत भी की थी।