खास बात यह है कि किसानों के इस प्रदर्शन को लेकर कोरोना के सुपर स्प्रेडर बनने का खतरा भी मंडरा रहा है। किसान शनिवार को देशभर में ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस मना रहे हैं।
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अयोध्या के विकास पर पीएम मोदी की अहम बैठक, जानिए किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा पंचकूला में किसानों का मार्च जारी है। यहां से बड़ी तादाद में किसान राजभवन की ओर जा रहे हैं। कोरोना काल के बीच किसानों की इतना बड़ी संख्या फैलाव का बड़ा कारण बन सकती है। इतनी ज्यादा भीड़ ने प्रशासन की चुनौतियां भी बढ़ा दी हैं। किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो इसके लिए चप्पे-चप्पे पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आज किसान राज्यपाल और उपराज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे। इसको देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल निवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
हरियाणा और पंजाब में भी बड़ी संख्या किसानों का प्रदर्शन जारी है। यहा ंभी किसान राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। किसानों ने लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन किया। किसान नेता राजेश सिंह चौहान ने बताया,”1साल से देश में अघोषित आपातकाल लगा है इसके विरोध में हम आज राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपेंगे क्योंकि किसानों का गेहूं मंडियों में सड़ रहा है।”
किसान देश के सभी राज्यों के राजभवन पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। साथ ही राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपेंगे। आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर 26 जून को किसान यूनियनों की ट्रैक्टर रैली निकालने की तैयारी है। सिसौली स्थित बीकेयू के मुख्यालय से सैकड़ों ट्रैक्टर यूपी गेट के लिए निकल चुके हैं।
शनिवार को ये गाजियाबाद पहुंच जाएंगे। उनके ट्रैक्टरों के साथ प्रदर्शन कर रहे दूसरे किसान रास्ते में जुड़ेंगे। इसका मकसद सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है। वहीं कुंडली सीमा समेत अन्य धरनास्थलों से 32 किसान संगठन चंडीगढ़ राजभवन पहुंचेंगे और वहां हरियाणा-पंजाब के किसान अलग-अलग ज्ञापन देंगे।
किसान शनिवार को ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस मनाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन करने की बात कही है। कृषि मंत्री ने कही ये बात
किसान आंदोलन से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि किसान यूनियनों को अपना आंदोलन खत्म करना चाहिए। सरकार ने उनके साथ 11 दौर की वार्ता की है। नए कृषि कानून देश के किसानों के फायदे में हैं। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की दिशा में काम किया है। वह एमएसपी पर और खरीद की तरफ बढ़ रही है।
ये बोले राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान 26 तारीख को कभी नहीं भूलेगा। हर महीने 26 तारीख आएगी, किसान ट्रैक्टरों की रिहर्सल करेगा। ट्रैक्टर दिल्ली का रास्ता न भूल जाएं, इसलिए इनकी रिहर्सल करनी पड़ती है।
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