पहले जानिए बागेश्वर बाबा के प्रवचन का हाल
बाबा के प्रवचन में जुट रही लोगों की भारी भीड़
पटना में बागेश्वर धाम वाले बाबा की हनुमान कथा शुरू होते ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटनी शुरू हुई। दावा किया गया है कि हर रोज करीब 10 से 15 लाख श्रद्धालु इसमें शामिल हो रहे हैं। भीड़ के कारण प्रवचन में शामिल होने वाले कई श्रद्धालुओं की तबियत बिगड़ने लगी। इस कारण प्रशासन ने बागेश्वर धाम वाले बाबा के दिव्य दरबार को स्थगित भी किया। हालांकि इसके बाद भी बाबा का प्रवचन जारी है।
टीवी पर प्रवचन देखने की अपील भी हुई फेल
प्रवचन में जुट रही भीड़ और अव्यवस्था को देखते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से टीवी पर प्रवचन देखने की अपील की है। लेकिन बाबा की यह अपील फेल हो चुकी है। अब भी उनके प्रोग्राम में बड़ी भीड़ जुट रही है। इस बीच भाजपा के नेताओं ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह हनुमान कथा को फेल करना चाहती है।
बिहार से जलेगी हिंदू राष्ट्र की ज्वालाः धीरेंद्र शास्त्री
पटना में हो रहे इस प्रवचन के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की ज्वाला बिहार से जलेगी। आज विदेश के लोग भी सीता-राम कहते हैं। एक दिन ऐसा आएगा भारत में रहना होगा तो सीता-राम कहना ही होगा। उन्होंने मंच से सितंबर में फिर बिहार आने की घोषणा की। बताया कि गया में 29 सितंबर को दरबार लगेगा।
बिहार में बागेश्वर बाबा के प्रवचन के सियासी मायने
हिंदू राष्ट्र, सनातन सर्वश्रेष्ठ जैसी बातें करने वाले धीरेंद्र शास्त्री के बिहार में हो रहे प्रवचन के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसके जरिए हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा के कई नेता बाबा की सेवा में पूरे जोर-शोर से जुटे हैं। जिसे आलोचक ‘चाकरी’ कर रहे हैं। बिहार की राजनीति के जानकारों का कहना है कि भाजपा बागेश्वर बाबा के जरिए बिहार में कमल खिलाने की कोशिश में जुटी है।
हिंदू राष्ट्र की बात बाबा को लाती भाजपा के करीब
बागेश्वर बाबा हिंदू राष्ट्र के समर्थन में खूब बातें बरते हैं। जो उन्हें भाजपा के करीब लाती है। हालांकि उन्होंने खुले मंच से कभी भी किसी राजनीतिक पार्टी का साथ देने की बात नहीं की है। भाजपा के अलावा कांग्रेस के नेता भी बाबा से मिलने पहुंचते हैं। लेकिन बाबा के बिहार कार्यक्रम को लेकर कहा जा रहा है कि भाजपा इसके जरिए बड़ा गेम प्लान कर रही हैं।
जातीय राजनीति को हिंदूवादी राजनीति में बदलने की कोशिश
बिहार-यूपी जैसे राज्यों की सियासत में जाति काफी हावी रहती है। यहां अलग-अलग जाति और उसके अलग-अलग दल व नेता है। बागेश्वर बाबा के प्रवचन के जरिए भाजपा इस जातीय राजनीति को हिंदूवादी राजनीति में बदलने की कोशिश कर रही है।
बिहार के राजनीतिक विश्वलेषक संजय मिश्र ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री की कथाओं में बड़ी संख्या में दलित और पिछड़े वर्ग के लोग भी आते हैं। ये लोग राजद-जदयू के वोटबैंक माने जाते हैं। अगर यह वोटर हिंदुत्व के नाम पर एकजुट होता है तो इसका फायदा भाजपा को हो सकता है।
बिहार में बागेश्वर बाबा के प्रवचन को लेकर विवाद
बिहार में बागेश्वर बाबा के कार्यक्रम को लेकर पहला विवाद तब शुरू हुआ, जब लालू के बड़े बेटे और बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने बयान दिया। तेज प्रताप यादव ने बागेश्वर बाबा को देशद्रोही क़रार देते हुए कहा कि वो हिन्दू और मुसलमान को आपस में लड़वा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वो बिहार में ऐसा कुछ करते हैं तो उनके कार्यक्रम का विरोध किया जाएगा। हालांकि अभी तक ऐसा कुछ होता नजर नहीं आया है।
तेज प्रताप के बयान पर भाजपा ने दी चुनौती- रोक सको को रोक लो
तेज प्रताप के बयान के बाद बिहार में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के कई नेता बागेश्वर बाबा के समर्थन में कूद गए हैं. सोशल मीडिया पर इस तरह के भी कई पोस्टर वायरल किए जा रहे हैं जिसमें लिखा है, ‘रोक सको तो रोक लो’। ऐसा ही बयान केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने भी दिया है। गिरिराज सिंह ने भी बिहार सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि बिहार सरकार में ताक़त है तो रोककर दिखाए।
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धीरेंद्र शास्त्री पर बिहार के राजनीतिक दलों का स्टैंड
सीएम नीतीश की पार्टी ने किया किनारा-
धीरेंद्र शास्त्री के बिहार में प्रवचन के मुद्दे पर विरोध और समर्थन जारी है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इस मुद्दे से ख़ुद को किनारे रखा है। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं, “कोई बाबा कार्यक्रम करने आते हैं तो आएं और कार्यक्रम करके जाएं। इसका राजनीतिक संदर्भ कुछ भी नहीं है। नीरज कुमार का कहना है कि अगर बागेश्वर बाबा कोई विवादास्पद राजनीतिक और धार्मिक बयान देते हैं तो हम उसपर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
चिराग पासवान बोले- व्यक्तिगत आस्था पर टिप्पणी उचित नहीं
बिहार में एलजेपी नेता चिराग़ पासवान कहते हैं, “यह व्यक्तिगत विश्वास की चीज़ है. सबकी अपनी-अपनी आस्था होती है। सरकार का काम किसी की व्यक्तिगत आस्था पर टिप्पणी करना नहीं हैं, सरकार का काम लोगों की ज़रूरतें पूरी करना है।”
जाप नेता पप्पू यादव ने कहा- अंधविश्वास फैलाते हैं बाबा
पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने भी बागेश्वर बाबा पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मीडिया से बातचीत में कहा है कि बागेश्वर बाबा अंधविश्वास फैलाते हैं और वह सनातनी हिन्दू को कलंकित कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने आसाराम और राम-रहीम से की तुलना
धीरेंद्र शास्त्री पर सबसे तीखा बयान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दिया। उन्होंने बागेश्वर बाबा की तुलना आसाराम बापू और राम रहीम जैसे बाबाओं से कर दी है। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि आसाराम बाबू का क्या हुआ, राम रहीम का क्या हुआ? मैं कोई जांच अधिकारी नहीं हूं जो बता सकूं कि उनके आश्रम में क्या होता है। ये लोग छद्म लोग हैं, धर्म के नाम पर अपनी दुकान चलाते हैं?
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