देश में लॉकडाउन के बीच यानी करीब दो महीने ही राजधानी दिल्ली 10 बार भूकंप के झटकों से कांप चुकी है। भूकंप विशेषज्ञों की मानें तो लंबे अर्से के बाद दिल्ली और हरियाणा के फरीदाबाद और रोहतक भूकंप के केंद्र बन रहे हैं।
यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि दो महीने के अंदर राजधानी और उससे सटे इलाकों में भूकंप के झटके किसी बड़ी अनहोनी का संकेत तो नहीं है। हालांकि कुछ दिन पहले ही ये चेतावनी जारी हुई थी कि दिल्ली या आस-पास में भूकंप के बड़े झटके परेशानी बढ़ा सकते हैं।
अधिक जोखिम वाले इलाकों में दिल्ली
दरअसल राजधानी दिल्ली भूकंप के बड़े झटकों वाले अत्यधिक जोखिम वाले इलाकों में शामिल हैं। भारत सरकार के रिकॉर्ड बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर (Delhi-NCR) भूकंप को लेकर अधिक तीव्रता वाले जोन 4 में आते हैं। इन क्षेत्रों में रिक्टर पैमाने पर 8 तीव्रता वाले भूकंप की भी संभावना होती है।
आपको बात दें कि इससे पहले 3 जून को भी राजधानी दिल्ली भूकंप के झटकों से कांप चुकी है। इस दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.0 मापी गई थी और इसका केंद्र फरीदाबाद, गहराई 4 किलोमीटर थी। इसके अलावा एक जून को भी रोहतक केंद्र में 1.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जबकि एक जून को ही 3 रिक्टर स्केल वाले झटके भी महसूस किए गए।