नेशलन सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ( National center for seismology ) के मुताबिक भूकंप के यह झटके शनिवार सुबह 4.25 बजे असम के हैलाकांडी में महसूस किए गए। रिक्टर स्केल ( Richter scale ) पर इसकी तीव्रता 4.0 दर्ज की गई।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला बोले : MLA भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह कांग्रेस से निलंबित, गिरफ्तारी की मांग दो दिन पहले यानि असम में गुरुवार को भी भूकंप आया था। राजधानी गुवाहाटी समेत राज्य के कई इलाकों में झटके महसूस किए गए थे। गुरुवार को आए भूकंप की तीव्रता 4.3 आंकी गई। इसके साथ ही असम से सटे राज्य मेघालय, नगालैंड और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में झटके महसूस किए गए। भूकंप देर शाम 7.42 बजे आया। भूकंप का केंद्रबिंदु गुवाहाटी से 55 किमी दक्षिण पश्चिम बताया गया था।
इससे पहले मंगलवार को भारत-नेपाल सीमा ( India-Nepal Border ) पर आए भूकंप के बाद असम में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.8 मापी गई थी। असम में भूकंप के झटके मंगलवार रात 22:19 बजे महसूस किए गए। भूकंप के बाद लोग घरों से बाहर आ गए।
Bihar : विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल EC से मिला, चुनाव को लेकर जताई इस बात की आशंका इससे पहले मिजोरम ( Earthquake in Mizoram ) में गुरुवार को 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित चंफाई जिले में मुख्य रूप से महसूस किए गए। तीन सप्ताह में पूर्वोत्तर के इस पहाड़ी राज्य में भूकंप के यह झटके नौवीं बार महसूस किए गए हैं।
भूकंप आने पर क्या करें अगर आप मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत के अंदर हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाएं। इसके बाद खुले मैदान की ओर भागें। भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई नहीं होती। भूकंप आने की स्थिति में किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों। बिल्डिंग में लिफ्ट हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। ऐसी स्थिति में सीढ़ियों का इस्तेमाल करना ही उचित होता है।
भूकंप के दौरान घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें। इसके अलावा घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं।