DRDO के आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को हासिल करने में जुटे इतने सारे देश
डीआरडीओ ने विकसित की है आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली।
इस मिसाइल सिस्टम के अधिग्रहण में 9 देशों ने दिखाई है रुचि।
केंद्र सरकार ने रक्षा उपकरणों के निर्यात के लिए बनाई एक समिति।
DRDO developed Akash Air Defence Missile System gets interest of 9 countries
नई दिल्ली। स्वदेशी रक्षा उत्पादों पर ही निर्भरता के लक्ष्य को लेकर जारी केंद्र सरकार की योजना को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को हासिल करने में कई देशों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के नौ मित्रवत देशों ने आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए भविष्य की योजना बताई।
ढाई सौ रुपये में लॉन्च AstraZeneca Covid-19 Vaccine से जुड़ी यह रही सारी जानकारी उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को मंजूरी के बाद रक्षा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई इन देशों को हथियार प्रणाली के निर्यात के अवसरों का पता लगाएगी। इससे पहले दिन में मंत्रिमंडल ने आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को मंजूरी दी, जिसका लक्ष्य 5 अरब अमरीकी डालर के रक्षा निर्यात को प्राप्त करना और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ रणनीतिक संबंधों में सुधार करना था।
आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसकी रेंज 25 किलोमीटर है। इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायु सेना (IAF) में और 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, “आकाश के अलावा, तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफ़ॉर्म जैसे अन्य प्रमुख प्लेटफार्मों में रुचि आ रही है। ऐसे प्लेटफार्मों के निर्यात के लिए तेज़ी से स्वीकृति प्रदान करने के लिए रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सहित एक समिति बनाई गई है।”
किसे लेनी चाहिए COVID-19 Vaccine और किसे नहीं? 10 जरूरी सवाल इस संबंध में बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “आकाश 96 प्रतिशत से अधिक स्वदेशीकरण के साथ देश की महत्वपूर्ण मिसाइल है। आकाश एक सरफेस टू एयर मिसाइल है जिसकी रेंज 25 किलोमीटर है। आकाश का निर्यात संस्करण वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों के साथ तैनात सिस्टम से अलग होगा।”
उन्होंने आगे लिखा, “अब तक, भारतीय रक्षा निर्यात में पार्ट्स/कंपोनेंट्स आदि शामिल थे। बड़े प्लेटफार्मों का निर्यात न्यूनतम था। मंत्रिमंडल के इस फैसले से देश को अपने रक्षा उत्पादों को बेहतर बनाने और उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।”
कोरोना वैक्सीनेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा शुरू, हजार रुपये में टीका लगाने का झांसा, कैसे हो रही है ठगी रक्षा मंत्री ने यह भी लिखा, “आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, भारत रक्षा प्लेटफार्मों और मिसाइलों की व्यापक विविधता के निर्माण की अपनी क्षमताओं में बढ़ रहा है। आज कैबिनेट की अध्यक्षता करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी जी ने आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है और तेजी से स्वीकृतियों के लिए एक समिति बनाई गई है।”