गुरुवार की सुबह 6.45 बजे डीआरडीओ ने नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का अंतिम परीक्षण एक वारहेड के साथ सफलतापूर्वक किया। इसका परीक्षण राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में किया गया। जानकारी के मुताबिक यह मिसाइल बड़े टैंक्स को भी किसी भी मौसम में निशाना बना सकती है। इसकी कई खासियत है। यह इंफ्रारेड किरणों से भी लैस है जो लॉन्च से पहले दुश्मन के ठिकानों को लॉक करता है।
आर्मी में शामिल होगी एंटी टैंक मिसाइल नाग नाग मिसाइल की एक और खासियत यह है कि फायर करते ही यह एकदम से ऊपर उठती है और फिर तेजी से टारगेट के एंगल पर मुड़कर उसकी ओर चल देती है। लक्ष्य भेदने की इसकी क्षमता काफी सटीक है। ड्रैगन के बड़े—बड़े टैंक को पूरी तरह से ध्वस्त करने में सक्षम है।
गौरतलब है कि एंटी टैंक मिसाइल नाग का सफल परीक्षण इससे पहले भी कई बार हो चुका है। हर बार कुछ नया इसमें जोड़ा जाता रहा है। साल 2017, 2018 और 2019 में अलग-अलग तरीके की नाग मिसाइलों का परीक्षण हो चुका है। नाग मिसाइल वजन में काफी हल्की है।
पोकरण में ‘नाग’ मिसाइल का सफल परीक्षण, लक्ष्य को सफलता पूर्वक कर दिया नेस्तनाबूद नाग के कई सफल परीक्षण पहले भी किये गये है. 2017, 2018 और 2019 में भी नाग मिसाइल के सफल परीक्षण किये गये हैं. हर बार इसका रेंज बढ़ाकर परीक्षण किया जाता है. सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मिसाइल प्रोजेक्ट की लगात 350 करोड़ रुपये से अधिक है. परीक्षण में मिसाइल में उच्च क्षमता के उपकरण लगाये गये हैं. यह अधिक गर्मी में भी मिसाइल को दिशा से नहीं भटकने देंगे.