नई दिल्ली। हमारी दुनिया में समय-समय पर कई तरह की सभ्यताओं का विकास हुआ है और फिर समय-समय पर इनका विनाश भी हुआ है। कई सारी चीज़ें ऐसी है जो किसलिए, क्यों और कब बनाई गई है और उसके पीछे का रहस्य क्या है इसका जवाब आज भी कोई नहीं दे पाता। लेकिन डर कहें या फिर भक्ति या फिर अपनी मान्यता या परंपरा लेकिन इन बातों को आज भी बहुत कठोरता से मानते हैं।
आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां के बारे में लोगों के बीच मान्यता है कि वहां जाने पर कोई जीवित नहीं लौट आता। जी, हां चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में दारचेन से करीब 30 मिनट की दूरी पर बना यम का द्वार पवित्र कैलाश पर्वत के रास्ते में ही पड़ता है।
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार ये छोटा सा घर मृत्यु के देवता यानि कि यमराज के घर का प्रवेश द्वार माना जाता है। तिब्बती लोग इसे चोरटेन कांग नग्यी के नाम से जानते हैं, जिसका मतलब होता है दो पैर वाले स्तूप। इस प्रकार का बना यह द्वार रहस्यों से इसलिए घिरा हुआ है क्योंकि आज तक इसके पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। इस द्वार को लेकर कई तरह के शोध किए गए लेकिन आज तक इसके पीछे का कारण किसी को भी नहीं मिल पाया।
देखने में ये बिल्कूल एक मंदिर जैसा दिखने वाला छोटे से घर के रूप में नज़र आता है लेकिन ये मंदिर नुमा द्वार किसने और कब बनाया है। लोगों के बीच इस बात का प्रचलन है कि जो भी इस घर में रात गुज़ारता है उसकी मृत्यू हो जाती है और इसी बात के डर से इस जगह को लोग दूर से देखना ही बेहतर समझते है और इसके अंदर जाना नागवार ही समझते हैं। कैलाश पर्वत के मार्ग पर पडऩे वाला आज भी कई सारे अनसूलझे रहस्यों के साथ घिरा हुआ है।