दरअसल मंगलवार को हैदराबाद के गांधी अस्पताल ( Gandhi Hospital ) के एएमसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टरों पर कोरोना संक्रमित मरीज के परिजनों ने हमला कर दिया। इस घटना के विरोध में अस्पताल के स्टाफ हड़ताल पर चले गए।
कोरोना को लेकर आई अब तक की सबसे अच्छी खबर, देश में पहली बार एक्टिव केस से ज्यादा ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा ये है पूरा मामलामिली जानकारी के मुताबिक 55 वर्षीय कोरोना मरीज शौचालय जाते समय गिर गया और उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अपना ये गुस्सा अस्पताल के डॉक्टरों पर निकाल डाला।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गई।
वहीं इस घटना को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि रोगी उच्च रक्तचाल ( High Blood pressure ) का मरीज था और अस्पताल में भर्ती होने के दो दिनों पहले तक उसका शुगर लेवल भी काफी बढ़ गया था।
मरीज को नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटर पर रखा गया था। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने मरीज के परिजनों को बताया था कि मरीज को बिस्तर ने ना उठने दें और साथ ही ये भी कहा था कि उनके ठीक होने की संभावना काफी कम है।
एक जूनियर डॉक्टर के मुताबिक पिछले दो दिनों से मरीज की हालत गंभीर थी। उन्हें बिस्तर पर रहने और सांस लेने के लिए सीपीएपी मशीन इस्तेमाल करने की सलाह दी गई थी। उन्होंने हमारी सलाह नहीं मानी और शौचालय चले गए। जहां शरीर में खिंचाव पड़ने की वजह से वह गिर गए और उनकी मौत हो गई।
ऐसे किया डॉक्टरों पर हमला
अस्पताल में मौजूद उनके दो रिश्तेदार सिक्योरिटी तोड़ते हुए आए। कमरे के अंदर गए और फिर प्लास्टिक के स्टूल और लोहे की छड़ से हमारी पिटाई की। पुलिस बोली- शारीरिक हमला नहीं था
नॉर्थ जोन के डीसीपी कलमेश्वर शिंगनवर ने कहा कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है और मौत के बाद परिजनों को अस्पताल परिसर में दाखिल होने की अनुमति दी गई। डीसीपी ने बताया कि डॉक्टरों पर कोई शारीरिक हमला नहीं हुआ जिससे उन्हें चोट लगी हो।
दो को किया गिरफ्तार
हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और केस में मृतक के दो परिजनों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।