भारत का चीन को बड़ा झटका, HSTDV से सफल परीक्षण से हाइपरसोनिक मिसाइल क्लब में एंट्री पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “आज हाइपरसोनिक टेस्ट डिमॉन्स्ट्रेशन व्हीकल की सफल उड़ान के लिए DRDO को बधाई। हमारे वैज्ञानिकों द्वारा विकसित स्क्रैमजेट इंजन ने उड़ान को ध्वनि की गति से 6 गुना गति प्राप्त करने में मदद की! बहुत कम देशों में आज इतनी क्षमता है।”
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने इसे एक ‘प्रमुख तकनीकी सफलता’ बताया और कहा कि यह भारत को उन देशों के एक चुनिंदा क्लब में रखता है, जिन्होंने इस तकनीक का प्रदर्शन किया है। रेड्डी ने कहा, “यह देश की एक प्रमुख तकनीकी सफलता है। यह परीक्षण अधिक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, सामग्रियों और हाइपरसोनिक वाहनों के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। यह भारत को उन राष्ट्रों के एक चुनिंदा क्लब में रखता है, जिन्होंने इस तकनीक का प्रदर्शन किया है।”
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि ओडिशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लॉन्च कॉम्प्लेक्स से सोमवार सुबह 1103 बजे हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन व्हीकल ( HSTDV ) के फ्लाइट टेस्ट के साथ हाइपरसोनिक एयर-ब्रीदिंग स्क्रैमजेट टेक्नोलॉजी का सफलता पूर्वक प्रदर्शन किया।
विज्ञप्ति के मुताबिक हाइपरसोनिक क्रूज व्हीकल को एक मान्य ठोस रॉकेट मोटर का उपयोग करके लॉन्च किया गया था, जो इसे 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले गया, जहां हाइपरसोनिक मैक संख्या पर एयरोडायनेमिक हीट शील्ड्स को अलग कर दिया गया था। क्रूज व्हीकल योजना के मुताबिक ठीक ढंग से लॉन्च व्हीकल से अलग हुआ और एयर इनटेक खोल दिए।
मंत्रालय ने कहा कि हाइपरसोनिक कंबस्टन जारी रहा और क्रूज व्हीकल अपने निर्धारित उड़ान पथ पर ध्वनि की गति से छह गुना वेग से आगे बढ़ता रहा, जैसे: 20 सेकेंड से भी अधिक वक्त के लिए के लिए लगभग 2 किमी/सेकंड की गति से।